SAIL Stock News: सरकारी स्वामित्व वाली स्टील प्रमुख SAIL (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 3,897.36 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. इसके बावजूद कंपनी के शेयर दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 138.2 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे. बीते साल की इसी तिमाही में कंपनी को 1,226.47 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में SAIL की आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 20,754.75 करोड़ रुपये हो गई. सालभर पहले की इस अवधि में यह 9,346.21 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने बताया है कि जून तिमाही के दौरान कच्चे इस्पात का उत्पादन 37.7 लाख टन रहा. वहीं, 33.2 लाख टन की बिक्री हुई. परिचालन के मोर्चे पर, कंपनी ने 6,741 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया. पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में EBITDA को 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वहीं मार्च तिमाही में कंपनी का EBITDA 6,526 करोड़ रुपये था.
जून तिमाही के दौरान SAIL का सकल कर्ज 5,063 करोड़ रुपये घटा. 31 मार्च तक कंपनी का कुल कर्ज 35,330 करोड़ रुपये था. स्टील प्रमुख की बैलेंस शीट में सुधार और विस्तार के अगले चरण की घोषणा पहले से होने के कारण एनालिस्ट इसके स्टॉक में तेजी की उम्मीद कर रहे हैं.
सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च | रेटिंग: खरीदें | टारगेट प्राइस: 218 रुपये
SAIL के कर्ज घटने का यह सिलसिला वित्त वर्ष 23 तक जारी रहने की उम्मीद है. अगले चरण के विस्तार पर होने वाले खर्च की शुरुआत वित्त वर्ष 2024 से होगी. इसमें से अधिकांश को कंपनी खुद के कैशफ्लो से पूरा कर सकेगी. निकट अवधि में स्टील की मजबूत कीमतों और मात्रा में वृद्धि के कारण, तिमाही आधआर पर EBIDTA में ऊंची बढ़त हो सकती है. आय में वृद्धि के साथ सेंट्रम ने 5.5x FY23E EV/EBITDA के आधार पर लक्ष्य मूल्य को बढ़ाकर 218 रुपये कर दिया है.
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग | रेटिंग: खरीदें | टारगेट प्राइस: 197 रुपये
SAIL ने अगले तीन से पांच साल के समय में विस्तार के पहले चरण में उत्पादन क्षमता 10-15 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) बढ़ाने की योजना बनाई है. उसका लॉन्ग टर्म टारगेट लगभग 21.5 MTPA के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 50 MPTA पहुंचना है. इसे ध्यान में रखते हुए एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने इसका टागरेट प्राइस 197 रुपये प्रति शेयर किया है.
फिलिप कैपिटल | रेटिंग: खरीदें | टारगेट प्राइस: 167 रुपये
उत्पादन क्षमता बढ़ने से ऑपरेशनल एफिशेंसी बनी रहेगी. कोकिंग कोल की बढ़ती कीमतों के कारण दूसरी तिमाही फिलहाल कमजोर दिख रही है. फिलिप कैपिटल को उम्मीद है कि कैश फ्लो अच्छा बने रहने से निकट से मध्यम अवधि में कर्ज घटाने में मदद मिलेगी. झारखंड की ओर से आयरन ओर बेचने की मंजूरी मिलने से भी फायदा होगा.
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दिए गए सुझाव रिसर्च और ब्रोकरेज फर्मों की तरफ से हैं. मनी 9 और उसके प्रबंधन उनकी निवेश सलाह के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेते हैं. कृपया निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श जरूर लें.)
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