रेमंड के बोर्ड ने कंसॉलिडेशन की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है. इसके तहत टूल्स-हार्डवेयर और ऑटो उपकरण के कारोबार को इसके इंजीनियरिंग बिजनेस से जोड़ा जाएगा. इससे कंपनी का संचालन बेहतर होगा और निवेश के रास्ते भी खुलेंगे. सेबी को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि कंपनी के बोर्ड ने उक्त कारोबार को सहयोगी इकाई JK Files (India) के साथ जोड़ने की मंजूरी दे दी है. साथ ही कंपनी के बोर्ड ने अपैरल कारोबार को रेमेंड के साथ जोड़ने की मंजूरी प्रदान की है.
कंपनी ने यह भी बताया कि इसके रियल एस्टेट कारोबार को संपूर्ण स्वामित्व वाली एक सहयोगी इकाई बनाया जा रहा है. कंपनी के CMD गौतम हरि सिंघानिया ने बताया, ‘हम वित्तीय लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न कारोबारों को कंसॉलिडेट कर रहे हैं. इससे हमें कर्ज चुकाने से लेकर वैल्यू क्रिएशन में मदद मिलेगी. हमारे रियल एस्टेट कारोबार ने अच्छा प्रदर्शन किया है, इसलिए हम इसे रेमेंड की सहयोगी इकाई बनाने जा रहा है.’
कंपनी के मुताबिक, उसके इंजीनियरिंग कारोबार ने वैश्विक और घरेलू बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इनकी इनकम मार्जिन में इजाफा हुआ है, कैश फ्लो बढ़ा है और ये कर्ज से मुक्त हैं. इसका रियल एस्टेट बिजनेस 2019 में लॉन्च हुआ था. इसका लक्ष्य 30 लाख वर्ग फीट की आवासीय परियोजना पेश करना है. लक्ष्य का करीब 70 फीसदी हिस्सा हासिल किया जा चुका है. यह ठाणे (मुंबई) के बाहर भी कारोबार बढ़ाने की तैयारी में है.
कंसॉलिडेटेड आधार पर, जून तिमाही में Raymond को 156.51 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह नुकसान 242.15 करोड़ रुपए था.