अपने प्राइवेटाइजेशन के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) समेत 5-6 कंपनियों के निजीकरण की डील को क्लोज करना चाहती है. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) सेक्रेटरी तुहीन कांता पांडे ने बुधवार को ये बात कही.
BPCL ड्यू डिलिजेंस स्टेज में
इंडस्ट्री बॉडी CII की ग्लोबल इकोनॉमी पॉलिसी समिट में पांडे ने कहा, ’19 साल बाद, हम संभवतः इस साल 5-6 निजीकरण देखेंगे. न केवल एयर इंडिया बल्कि BPCL ड्यू डिलिजेंस स्टेज में है. ड्यू डिलिजेंस रिसर्च और एनालिसिस की ऐसी प्रोसेस है जो अधिग्रहण से पहले की जाती है. इसमें फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन और अन्य डेटा की जांच होती है. तीन बिडर्स ने BPCL के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है. वहीं BEML, पवन हंस, NINL, ऐसे ट्रांजैक्शन है जिनमें फाइनेंशियल बिडिंग दिसंबर-जनवरी में हो सकती है.
सरकार का 1.75 लाख करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य
सरकार ने 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए का महत्वाकांक्षी विनिवेश लक्ष्य रखा है. 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्पोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड, पवन हंस, एयर इंडिया सहित अन्य की रणनीतिक बिक्री इस साल पूरी हो जाएगी. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार इस साल जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO लाएगी.
FY22 की चौथी तिमाही में LIC का IPO
पांडे ने कहा कि LIC का IPO पटरी पर है और FY22 की चौथी तिमाही में बाजार में आने की संभावना है. केंद्र सरकार का LIC के IPO के जरिए 40,000 करोड़ रुपए से 1 लाख करोड़ रुपए के बीच जुटाने का प्लान है. इसके लिए सरकार LIC में अपनी 5% -10% हिस्सेदारी बेच सकती है. सरकार डायवर्सिफिकेशन और स्ट्रांग डिमांड के लिए LIC में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की अनुमति भी दे सकती है.