Pharmeasy IPO: ई-फार्मेसी फार्म ईजी (PharmEasy) के Pre-IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) फंडिंग राउंड में शामिल होने के लिए निवेशकों का एक नया समूह बातचीत कर रहा है. इस बातचीत में हेज फंड स्टीडव्यू कैपिटल (Steadview Capital), आईआईएफएल (IIFL) और एक यूएस हेज फंड (US hedge fund) शामिल हैं. द इकोनॉमिक टाइम्स ने मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
कंपनी ने लगभग 100 मिलियन डॉलर के सेकेंडरी ट्रांजैक्शन को भी अंतिम रूप दिया है जिसमें कुछ मौजूदा निवेशक, जैसे कि इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि के वेंचर फंड फंडामेंटम, एट रोड्स वेंचर्स और बेसेमर वेंचर पार्टनर्स आंशिक रूप से बाहर निकलेंगे.
इकोनॉमिक टाइम्स ने पिछले महीने खबर दी थी कि PharmEasy अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के निवेशकों से प्राइमरी कैपिटल में $200 मिलियन जुटाने के करीब थी, लेकिन आईपीओ के लिए अपना ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने से पहले एक सेकेंडरी डील करने की कोशिश कर रही थी.
इसके साथ, PharmEasy पैरेंट API होल्डिंग्स इस महीने के अंत में अपने ड्राफ्ट IPO पेपर दाखिल करने से पहले $300 मिलियन की फंडिंग को क्लोज करने के अंतिम चरण में है.
ईटी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि नए निवेशक मौजूदा दौर में प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर सेल्स के जरिए निवेश करने के लिए बातचीत कर रहे हैं.
सेकेंडरी ट्रांजैक्शन में, मौजूदा निवेशक अपने कुछ या सभी शेयर नए निवेशकों को बेचते हैं और पैसा कंपनी के खजाने में नहीं जाता है. प्राइमरी फंडिंग (primary funding) में, कंपनी नए शेयर जारी करके पूंजी प्राप्त करती है.
लगभग 5.5 बिलियन डॉलर के प्री-मनी वैल्यूएशन (pre-money valuation) पर प्री-आईपीओ फंडिंग (pre-IPO funding) होगी. सूत्रों ने कहा कि इस दौर के बाद कंपनी का मूल्य करीब 5.8 अरब डॉलर पर आ जाएगा.
PharmEasy का जून में मूल्य 4.2 बिलियन डॉलर था, जब उसने डायग्नोस्टिक लैब चेन थायरोकेयर का अधिग्रहण किया था.
सूत्रों ने कहा कि प्री-आईपीओ राउंड के अलावा, यूएस एसेट मैनेजर फिडेलिटी कंपनी में बड़े निवेश के साथ आईपीओ के दौरान एंकर इन्वेस्टर के रूप में शामिल होने के लिए PharmEasy के साथ बातचीत कर रही है.
इकोनॉमिक टाइम्स ने अगस्त में रिपोर्ट दी थी कि PharmEasy ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) के पास अपना ड्राफ्ट IPO प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने के लिए अक्टूबर की समय सीमा तय की है.
PharmEasy पब्लिक लिस्टिंग में $9-10 बिलियन का वैल्यूएशन प्राप्त कर सकती है. हालांकि, वह आईपीओ को 7-8 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर प्राइज कर सकती है.
PharmEasy ने हाल ही में 180-190 मिलियन डॉलर के सौदे में क्लाउड-बेस्ड हॉस्पिटल सप्लाई चेन मैनेजमेंट स्टार्टअप Aknamed का अधिग्रहण किया है.
प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस (Praxis Global Alliance) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में टेली कंसल्टेशन तेजी से बढ़ा है.
मार्च तक यह 163 मिलियन डॉलर का बाजार था जिसके मार्च 2024 तक 800 मिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है. भारत का ऑनलाइन फार्मेसी मार्केट 2023 तक लगभग $2.7 बिलियन का होने का अनुमान है. 2020 में यह लगभग 360 मिलियन डॉलर था.