APY के सब्सक्राइबर बेस में एक साल में 33% की ग्रोथ देखी गई. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि APY नॉन-मेट्रो ग्राहकों के बीच सबसे अधिक सब्सक्राइब की गई योजना है
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाया गया है. खासतौर पर ऐसे लोग जो NPS केसाथ 65 साल की उम्र के बाद जुड़ते हैं, उनके लिए PFRDA ने फंड्स का 50 फीसदी तक हिस्सा इक्विटी में लगाने की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही PFRDA ने NPS से एग्जिट के नियमों को भी और उदार बनाया है.
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS में जुड़ने की अधिकतम उम्र के 65 साल से बढ़ाकर 70 साल करने के फैसले के बाद इसमें एंट्री और एग्जिट से जुड़े हुए दिशानिर्देशों में भी बदलाव किया है. अब NPS में जुड़ने उम्र 18-70 साल हो गई है जो कि पहले 18-65 साल थी.
PFRDA की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक, 65-70 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) NPS से जुड़ सकता है और इसमें 75 साल तक बना रह सकता है.
इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने अपने NPS खाते बंद कर दिए हैं उन्हें भी बढ़ी हुई उम्र योग्यता शर्तों के साथ नए खाते को खोलने की इजाजत होगी.
65 साल के बाद NPS से जुड़ने वाले लोग अगर निवेश के ऑटो चॉइस का चुनाव करते हैं तो इक्विटी में उनका अधिकतम निवेश 15 फीसदी ही रहेगा.
PFRDA के नोटिफिकेशन में कहा गया है, “अगर 65 साल के बाद जुड़ने वाले सब्सक्राइबर एक्टिव चॉइस का विकल्प चुनते हैं तो वे इक्विटी में अधिकतम 50% निवेश कर सकते हैं.”
NPS सब्सक्राइबर के पास एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस के तहत अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगाने की इजाजत होती है. एक्टिव चॉइस के तहत सब्सक्राइबर के पास अपने फंड्स को अलग-अलग एसेट क्लास में लगाने की ज्यादा आजादी होती है. दूसरी ओर, ऑटो चॉइस में फंड्स को पहले से तय अनुपात में एसेट्स में लगाया जाता है.
सब्सक्राइबर्स का पैसा पेंशन फंड हर एसेट क्लास-इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज और ऑल्टरनेट एसेट्स में निवेश की गाइडलाइंस के मुताबिक लगाते हैं.