पेटीएम के IPO (initial public offering) में एंकर निवेशक के तौर पर जुड़ने के लिए अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA), सिंगापुर की GIC और ब्लैकरॉक जैसे कई सॉवरेन वेल्थ फंड और वित्तीय निवेशक कतार में लगे हैं. इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) भी फिनटेक कंपनी से बातचीत कर रहा है. वह भी पेटीएम की पैरेंट कंपनी के जल्द पेश होने वाले 2.2 अरब डॉलर के IPO में बोली लगाने की तैयारी में है.
पेटीएम का IPO में फ्रेश इश्यू और शेयरधारकों की ओर से लाए जाने वाले ऑफर फॉर सेल (OFS) का बराबरी का योगदान होगा. इसके बीते एक दशक के सबसे बड़े IPO बनने की उम्मीद की जा रही है.
एजुकेशन टेक्नॉलजी की कंपनी बायजूस के बाद पेटीएम देश की सबसे कीमती स्टार्टअप है. इस कारण जोमैटो के सफल IPO के बाद इसके इश्यू पर सबकी नजरें टिकी हैं.
कंपनी को सेबी से मंजूरी का इंतजार
पेटीएम जैसे चर्चा में बने IPO में बड़े स्तर पर निवेश करने वाले इन्वेस्टर आमतौर पर एंकर इन्वेस्टर के तौर पर शामिल होने की कोशिश करते हैं. इससे उन्हें IPO लॉन्च होने के एक दिन पहले तय कीमत पर शेयर आवंटित हो जाते हैं. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टबैंक और एंट ग्रुप के निवेश वाली पेमेंट स्टार्टअप 20-22 अरब डॉलर के वैल्यूएशन का लक्ष्य लेकर चल रही है.
नोएडा की यह कंपनी को फिलहाल सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से मंजूरी का इंतजार है. इसके बाद वह रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दर्ज करेगी. कंपनी दिवाली से पहले पब्लिक लिस्टिंग की उम्मीद कर रही है.
ऐसा माना जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कंपनी को पहले ही क्वेरी भेज दी हैं और पेटीएम ने उनके जवाब भी दे दिए हैं. अब सेबी अतिरिक्त कमेंट मांग सकती है.
पेटीएम ने प्री-IPO राउंड में 27 करोड़ डॉलर या दो हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना भी बनाई थी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह पब्लिक होने से पहले ऐसा कर पाएगी या नहीं.