इंडियन पेंट इंडस्ट्री 12 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ हासिल कर सकती है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़िया कंज्यूमर सेंटीमेंट और आर्थिक रिकवरी के बूते पेंट इंडस्ट्री 12 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ हासिल कर सकती है. घरेलू पेंट इंडस्ट्री के डेकोरेटिव और इंडस्ट्रियल सेगमेंट कोविड की दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करेंगे और मजबूत बैलेंस शीट से इस इंडस्ट्री की कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल स्टेबल रहेंगे.
भारत में पेंट सेक्टर की लिस्टेड कंपनियों में एशियन पेंट्स, एक्जो नोबल (ड्यूलक्स पेंट्स), बर्जर पेंट्स, इंडिगो पेंट्स, कंसाई नेरोलक और शालिमार पेंट्स शामिल हैं.
मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर एशियन पेंट्स के शेयर 1.68 फीसदी चढ़कर 3,255 रुपये पर बंद हुए.
बर्जर पेंट्स में 0.76 फीसदी की तेजी रही और ये 826.60 रुपये पर, कंसाई नेरोलक के शेयर 3.64 फीसदी चढ़कर 654.45 रुपये, इंडिगो पेंट्स के शेयर 0.48 फीसदी गिरकर 2,535.15 रुपये, एक्जो नोबल के शेयर 0.82 फीसदी चढ़कर 2,269.95 रुपये और शालिमार पेंट्स के शेयर 1.07 फीसदी गिरकर 97.15 रुपये पर बंद हुए हैं.
हालांकि, रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ऊंचे क्रूड प्राइसेज से इस इंडस्ट्री की कंपनियों के लिए मार्जिन को बरकरार रखने की चुनौती होगी.
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, “पेंट कंपनियां इस फिस्कल में मजबूत वापसी करेंगी और वे कोविड की दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने में कामयाब होंगी. इनका रेवेन्यू 10-12 फीसदी बढ़ेगा और कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार और आर्थिक रिकवरी के बूते डेकोरेटिव और इंडस्ट्रियल सेगमेंट में ग्रोथ आएगी.”
भारतीय पेंट इंडस्ट्री का साइज करीब 53,000 करोड़ रुपये का है.
ये रिपोर्ट छह कंपनियों के एनालिसिस पर आधारित है. इन कंपनियों की ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के रेवेन्यू में 96 फीसदी हिस्सेदारी है.
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी के मुताबिक, होम इंप्रूवमेंट एंड रीफर्बिशिंग में ज्यादा खर्च और रियल एस्टेट एक्टिविटी में आ रही तेजी से डेकोरेटिव पेंट्स सेगमेंट में 11 फीसदी की रेवेन्यू रिकवरी दिख सकती है.