नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange – NSE) ने स्टॉक ब्रोकरों समेत अपने सभी मेंबर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर डिजिटल गोल्ड की बिक्री को बंद कर दें. NSE ने मेंबर्स को ऐसा करने के लिए 10 सितंबर तक का वक्त दिया है.
NSE का ये निर्देश ऐसे वक्त पर आया है जबकि मार्केट रेगुलेटर SEBI (सेबी) ने कहा है कि कुछ मेंबर्स डिजिटल गोल्ड खरीदने और बेचने के लिए अपने क्लाइंट्स को प्लेटफॉर्म मुहैया करा रहे हैं.
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 3 अगस्त को जारी अपने लेटर में एक्सचेंज को सूचित किया है कि डिजिटल गोल्ड की खरीद-फरोख्त की गतिविधि सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स (SCRR), 1957 का उल्लंघन है और मेंबर्स को इस तरह की गतिविधियों को संचालित करने से दूर रहना चाहिए.
SCRR रूल्स में ब्रोकर्स या एजेंट्स को छोड़कर सभी मेंबर्स को सिक्योरिटीज या कमोडिटीज डेरिवेटिव्स को छोड़कर बाकी किसी भी कारोबार को करने की इजाजत नहीं है.
इसी के मद्देनजर NSE ने मेंबर्स को निर्देश दिया है कि वे इस तरह की गतिविधि को न करें और हर वक्त रेगुलेटरी अनिवार्यताओं को पूरा करें.
10 अगस्त के NSE के सर्कुलर में कहा गया है, “इस गतिविधि में लगे हुए मेंबर्स को ये इस सर्कुलर के जारी होने की तारीख से एक महीने के भीतर गतिविधियां बंद करनी होंगी. इस दौरान संबंधित क्लाइंट्स को इस गतिविधि के बंद किए जाने की जरूरी सूचनाएं दी जानी चाहिए.”
टाइटन जैसे कुछ ज्वैलर्स और बैंक डिजिटल गोल्ड की बिक्री करते हैं. डिजिटल गोल्ड सिक्योरिटीज की परिभाषा के तहत नहीं आते हैं.