NSE: अगर आप भी एक निवेशक हैं और अमेरिकी बाजारों में निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए एक खुशी की खबर है कि अब आप बिना किसी परेशानी के अमेरिकी शेयर में निवेश कर पाएंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) ने इंटरनेशनल स्टॉक्स में ट्रेडिंग के लिए सब्सिडियरी कंपनी NSE IFSC की शुरुआत करने जा रहा है. अब जल्द ही NSE IFSC प्लेटफॉर्म के माध्यम से आप US के लिमिटेड स्टॉक्स में ट्रेडिंग और निवेश कर पाएंगे. अमेरिकी स्टॉक में ट्रेडिंग, क्लियरिंग, सेटलमेंट और होल्डिंग NSE IFSC अथॉरिटी के अंतर्गत होगी.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारतीय रिटेल निवेशकों को यह सुविधा प्रदान करने वाला पहला भारतीय एक्सचेंज होगा. जहां भारतीय रिटेल निवेशक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम फ्रेमवर्क के अंतर्गत यह सुविधा मिलेगी.
NSE IFSC द्वारा पेश किया गया बिज़नेस मॉडल न केवल भारतीय निवेशकों को अतिरिक्त निवेश का मौका प्रदान करेगा बल्कि निवेश की पूरी प्रक्रिया को आसान और कम लागत पर भी बनाएगा.
अमेरिकी बाजारों में अंडरलाइंग शेयरों की तुलना में निवेशकों को फ्रॅक्शनल क्वांटिटी / वैल्यू में खरीदारी करने का ऑप्शन भी मिलेगा. NSE का ये नया मॉडल अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश को भारतीय निवेशकों के लिए अफोर्डेबल बनाएगा.
NSE आईएफएससी क्लियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NICCL) अपने मजबूत रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रक्चर की पेशकश करेगा, डिपॉजिटरी रसीदों में सभी ट्रेडों के क्लीयरिंग और सटेलमेंट की सुविधा देगा.
वहीं एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म पर सभी ट्रेडों के संबंध में सैटेलमेंट प्रदान करेगा. इसके अलावा, सभी ट्रेडों को एनएसई आईएफएससी में इनवेस्टर प्रोटेक्शन फ्रेमवर्क के तहत भी कवर किया जाएगा.
जब कोई निवेशक अमेरिकी स्टॉक में निवेश करेगा तो रिसिप्ट उसके डिमेट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. यह अकाउंट गिफ्ट सिटी में ओपन किया जाएगा. यह एक प्रकार का फाइनेंशियल गेट-वे होता है.
NSE IFSC जल्द ही ऑपरेशनल डिटेल्स का ऐलान करेगा और बहुत जल्द यह निवेशकों के लिए शुरू कर दिया जाएगा. इस मॉडल की जल्द से जल्द शुरुआत करने के लिए डिपॉजिटरी, बैंक और ब्रोकर्स ने एनएसई आईएफएससी के साथ काम करना शुरू कर दिया है.
NSE के एमडी और सीईओ विक्रम लिमये के मुताबिक यह एक काफी इनोवेटिव प्रोडक्ट होने वाला है और NSE IFSC में लिस्टेड कंपनियों की लिस्ट को क्लाइंट्स ले लिए बड़ी करना हमारी पहली चुनौती होने वाली है.
भारतीय रिजर्व बैंक के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम फ्रेमवर्क के अंतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय रिटेल निवेशकों को यह सुविधा प्रदान करने वाला पहला है.
IFSC अथॉरिटी के गाइडेंस और इसमें शामिल सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के समर्थन के साथ, हम इस सर्विस को जल्द ही शुरू करने की उम्मीद करते हैं.
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