MF: भारत में पिछले एक साल के भीतर म्यूचुअल फंड (MF) सेक्टर के असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 34.84 फीसदी की वृद्धि हुई है. सिंतबर 2020 में यह जहां 27.74 लाख करोड़ रुपए था, वहीं सितंबर 2021 में यह 37.41 लाख करोड़ रुपए का हो गया. यह आंकड़े एसोशिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के हैं. एम्फी के मुताबिक, सितंबर 2021 में व्यक्तिगत निवेश का हिस्सा 54.5 फीसदी हो गया, जो कि 2020 के सितंबर में 52 फीसदी था. इसके अलावा 76 फीसदी व्यक्तिगत निवेश इक्विटी आधारित स्कीमों पर है. एमएफ उद्योग का AUM 2021 के सितंबर तक 36.74 लाख करोड़ रुपए का हो गया, जो कि सितंबर 2011 में 6.42 लाख करोड़ रुपए का था.
ऊंची ग्रोथ
ऐसा पहली बार हुआ है जब म्यूचुअल फंड में SIP 10 हजार करोड़ रुपए के पार हो चुका है. इससे पता चलता है कि एमएफ स्कीमों पर रीटेल निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है.
HDFC AMC को सितंबर तिमाही में 2 फीसदी अधिक प्रॉफिट हुआ है. इसी दौरान Nippon Life India Asset Management के नेट प्रॉफिट में 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे ही Aditya Birla Sun Life AMC के नेट प्रॉफिट में 38 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.
निवेशकों को कैसे फायदा मिल रहा?
-कई AMC के निवेशकों की संख्या में वृद्धि हुई है, साथ ही इनके फंड का प्रदर्शन बेहतर हुआ है, और रिस्क मैनेजमेंट और डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क भी मजबूत हुआ है.
-इसके अलावा, कई AMC ने महामारी के दौर में ESG व्यवस्था की शुरुआत की है, ताकि शेयर होल्डरों और निवेशकों के लिए लंबी अवधि के वैल्यू तैयार किए जा सकें.
-ध्यान रहे कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान बहुत से निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों से भारी मात्रा में निकासी की थी.
-जैसे-जैसे हालात बेहतर होते हैं और वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ रही है, लोगों का अर्थव्यवस्था और म्यूचुअल फंडों में विश्वास बढ़ता जा रहा है.
-इन दिनों SIP के जरिए निवेश का चलन जोरों पर है.
-साथ ही कई फंडों ने नए थीम पर स्कीम पेश किए हैं, जिससे निवेशकों के वांछित उद्देश्यों को पूरा किया जा सके. निवेशक अब एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, इंटरनेशनल एमएफ, फंड ऑफ फंड और ESG फंड को लेकर जागरूक हो रहे हैं. साथ ही वे डायवर्सिफिकेशन पर भी ध्यान दे रहे हैं.
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