जब से पेटीएम (Paytm) (One97 Communications) के IPO की खबर आई है तब से कंपनी के अनलिस्टेड शेयरों की डिमांड जबरदस्त बढ़ी है. पेटीएम (Paytm) का शेयर सिर्फ दो हफ्तों में 11,000 रुपये से उछलकर 27,500 रुपये के ऊपर पहुंच गया है.
निवेशक तो पेटीएम (Paytm) के शेयर खरीदने के लिए और भी प्रीमियम चुकाने को तैयार हैं, लेकिन बेचने वाला कोई नहीं है. रिलायंस रिटेल (Reliane retail) के काउंटर का भी यही हाल है. ये स्टॉक (Reliane retail) भी एक महीने में 1,500 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये के ऊपर पहुंच गया है.
निवेशकों को लगता है कि इन दोनों शेयर्स के भाव और भी बढ़ेंगे. उन्हें कंपनियों के IPO से तगड़ा रिटर्न मिलने की उम्मीद है. इसे देखते हुए ज्यादातर निवेशक लंबे वक्त के लिए इन शेयरों को होल्ड कर रहे हैं.
अनलिस्टेड शेयर में डीलिंग करने वाली दिल्ली की मित्तल पोर्टफोलियो के डायरेक्टर मनीष मित्तल बताते हैं, “अनलिस्टेड शेयरों की डिमांड में उतार-चढ़ाव आता रहता है और अभी पेटीएम (Paytm) और रिलायंस रिटेल (Reliane retail) के शेयरों की तगड़ी डिमांड है.”
आखिर इनवेस्टर क्यों है बुलिश?
सामान्य तौर पर स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन उनको मिले नए फंड के आधार पर तय होती है. पेटीएम (Paytm) को 2019 में जो फंड मिला था, उससे कंपनी की वैल्यूएशन 16 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी.
प्री-IPO और अनलिस्टेड मार्केट में कारोबार करने वाली UnlistedArena.com के संस्थापक अभय दोशी बताते हैं कि अनलिस्टेड मार्केट में Paytm की वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर के आसपास है. अब कंपनी IPO लाना चाहती है और अंदाजा है कि Paytm की वैल्यूएशन 25 अरब डॉलर के ऊपर चली जाएगी. ऐसे में अनलिस्टेड मार्केट और संभवित IPO वैल्यूएशन के बीच का गैप बहुत ज्यादा है और इसलिए अनलिस्टेड मार्केट में कंपनी के शयरों की री-वैल्यूएशन होने से अचानक तेजी आई है.
क्यों बढ़ रही है वैल्यूएशन?
दोशी बताते हैं, “अनलिस्टेड मार्केट में पेटीएम (Paytm) और रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के फ्लोटिंग स्टॉक्स बहुत कम होने की वजह से भी उनका प्रीमियम ज्यादा है, जिसे हम scarcity premium कहते हैं. दोनों कंपनियों के प्रमोटर्स मजबूत हैं और दोनों के मार्केट में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है, इसके कारण भाव बढ़ रहे हैं. रिलायंस रिटेल की लिस्टेड प्रतिस्पर्धी डीमार्ट (एवन्यू सुपरमार्केट्स) की वैल्यूएशन भी ज्यादा है, और ये भी रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) में तेजी का कारण है. दोनों 180 के PE पर ट्रेड हो रहे हैं.”
अनलिस्टेड शेयर्स कैसे खरीद सकते हैं?
आप एक्स्चेंज से लिस्टेड शेयर्स खरीद सकते हैं, वहीं अनलिस्टेड शेयर्स के लिए आपको उसे बेचने वाले से संपर्क करना पड़ता है. ये काम आप डीलर के जरिए कर सकते है. डीलर की भूमिका फैसिलिटर की है. अनलिस्टेड शेयर्स का लॉट साइज डीलर और स्क्रिप पर निर्भर करता है. आप कम से कम 40,000-50,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं. लिस्टेड शेयर की तरह खरीदे गए अनलिस्टेड शेयर भी आपकी DP होल्डिंग्स में दिखते हैं.
ग्रे मार्केट क्या है?
ग्रे बाजार एक अनौपचारिक बाजार है जबकि IPO बाजार सेबी के दिशानिर्देशों के तहत पूंजी जुटाने का एक आधिकारिक माध्यम है. ग्रे मार्केट एक ऐसा बाजार है जो बड़े पैमाने पर विश्वास पर चलता है. यह उन लोगों का एक छोटा सा समूह है जो विभिन्न कीमतों पर IPO स्टॉक के लिए बोलियां और ऑफर देते हैं.
ग्रे मार्केट में जो शेयर मिल रहे है, उसे कई जगहों से एकत्रित किया गया है. इनका मुख्य स्रोत एंप्लॉयी स्टॉक्स ऑप्शंस (ESOPs) होता है.
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