विदेशी निवेशकों (FPI) ने जून के पहले चार ट्रेडिंग सेशंस में ही भारतीय शेयरों में 8,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. कोविड के नए मामलों में गिरावट और बढ़िया कॉरपोरेट नतीजों के चलते निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है.
मई और अप्रैल में की थी निकासी
इसके पहले मई में FPI ने बाजार से 2,954 करोड़ रुपये और अप्रैल में 9,659 करोड़ रुपये की निकासी की थी. डिपॉजिटरीज के आंकड़ों से इस बात का पता चल रहा है.
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, आने वाले वक्त में देश में कोरोना वायरस के हालात में सुधार होने और वैक्सीनेशन की मुहिम में तेजी आने से FPI निवेश बढ़ सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने 1 जून से 4 जून के बीच भारतीय शेयर बाजार में 7,968 करोड़ रुपये लगाए हैं.
अक्टूबर से मार्च तक लगाए 1.97 लाख करोड़
अप्रैल के आउटफ्लो से पहले FPI अक्टूबर से लगातार शेयरों में पैसा लगा रहे थे. अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च 2021 के बीच FPI ने शेयर बाजारों में 1.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. इसमें इस साल के पहले तीन महीनों में किया गया 55,741 करोड़ रुपये का नेट इनवेस्टमेंट भी शामिल है.
कोविड के केस घटने से सेंटीमेंट हुआ मजबूत
Groww के को-फाउंडर और COO हर्ष जैन कहते हैं, “कोविड के आंकड़ों में तेज गिरावट होने के साथ ही बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक अ7 भारतीय शेयरों में निवेश को लेकर सहज हो गए हैं.”
उन्होंने कहा कि हालांकि देश का एक बड़ा हिस्सा अभी भी लॉकडाउन में है, लेकिन कुछ जगहों पर पाबंदियां हटनी शुरू हो गई हैं. इससे अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों में कामकाज शुरू भी हो गया है.
ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर दिवम शर्मा कहते हैं कि ज्यादातर कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों ने विदेशी निवेशकों को चकित कर दिया है. इसके अलावा, बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भी खुद को खोलने लगी हैं. निर्यात चल रहा है और वैक्सीनेशन पूरी दुनिया में तेजी से जारी है.
मॉर्निंगस्टार इंडिया के श्रीवास्तव कहते हैं कि गुजरे कुछ हफ्तों से देश में कोविड के नए मामलों में बड़ी गिरावट आ रही है. इससे विदेशी निवेशकों में राहत है. रोजाना नए आने वाले मामलों की संख्या अब घटकर 1.5 लाख से भी कम रह गई है. इसके साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है.
डेट से निकाल रहे पैसा
INVEST19 के फाउंडर और सीईओ कौशलेंद्र सिंह सेंगर कहते हैं FPI अभी भारतीय अर्थव्यवस्था के मैक्रो-इंडीकेटर्स को लेकर आक्रामक रूप से बुलिश नहीं हुए हैं. इसी वजह से उन्होंने डेट में कम रकम लगाई है.
इस साल अब तक विदेशी निवेशकों (FPI) ने शेयरों में नेट 51,094 करोड़ रुपये लगाए हैं, जबकि उन्होंने डेट सिक्योरिटीज से 17,300 करोड़ रुपये की नेट निकासी की है.