अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में सोमवार को दिन के लो लेवल पर पहुंचने के बाद फिर से तेजी दिखाई दी है. अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी की वजह ग्रुप का ये स्पष्टीकरण जारी करना था कि जिन तीन फॉरेन फंड्स- अलबुला इनवेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इनवेस्टमेंट फंड के पास कंपनी के शेयर हैं उनकी होल्डिंग को फ्रीज नहीं किया गया है.
अडानी पोर्ट्स की जारी की गई एक प्रेस रिलीज में कहा गया है, “रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट ने इन फंड्स के डीमैट खातों के स्टेटस के संबंध में 14 जून 2021 को एक लिखित कनफर्मेशन दिया है और स्पष्ट किया है कि इन फंड्स ने जिन डीमैट खातों में कंपनी के शेयर होल्ड किए हैं उन्हें होल्ड नहीं किया गया है.”
सोमवार को कारोबार के अंत में अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 6.25 फीसदी गिरकर 1,508 रुपये पर आ गए थे, शुरुआती कारोबार में ये 20.86% गिरकर 1,267 रुपये पर चले गए थे. इसी तरह से अडानी ग्रीन के शेयर 0.39 फीसदी गिरकर 1,212.90 रुपये पर बंद हुए, जबकि ये सुबह कारोबार के दौरान 5% गिरकर 1,165 रुपये पर चले गए थे.
दूसरी ओर, अडानी पोर्ट्स के शेयर 8.49 फीसदी गिरकर 768.45 रुपये पर बंद हुए. सुबह के कारोबार के वक्त ये 13.88 फीसदी गिरकर 722.40 रुपये पर चले गए थे.
अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट पर 1,522.5 रुपये पर बंद हुए. अडानी टोटल गैस के शेयर भी 5% गिरकर 1,544.90 रुपये पर रहे. अडानी पावर के शेयर 5 फीसदी गिरकर 140.90 रुपये पर रहे.
सोमवार को शुरुआती कारोबार में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 21 फीसदी तक की गिरावट का शिकार हुए हैं. अंग्रेजी दैनिक अखबार इकनॉमिक टाइम्स (ET) ने खबर दी थी कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी ने अलबुला इनवेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इनवेस्टमेंट फंड के अकाउंट्स फ्रीज कर कर दिए हैं. इसके बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों में ये तेज गिरावट सोमवार को दिखाई दी है.
इन तीनों फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) के पास अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी टोटल गैस के 43,500 करोड़ रुपये के शेयर हैं.