संवत 2078 की शुरुआत निवेशकों के लिए काफी उत्साहजनक रही. पारंपरिक नए साल के मौके पर गुरुवार को आयोजित विशेष 60 मिनट के मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में स्टॉक खत्म होने के बाद बाजार के नतीजों से इस संवत की शुरुआत काफी उत्साहजनक मानी जा रही है. सेंसेक्स 0.5% ऊपर 60,067.62 पर बंद हुआ और निफ्टी भी इसी स्तर की बढ़त के साथ 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ. बुधवार को यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा संकेत दिए जाने के बाद भारत के शेयरों ने वैश्विक बाजारों में मजबूती को दिखाया.
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार मिड और स्मॉलकैप शेयरों ने गुरुवार को ब्लू चिप्स से बेहतर परफॉर्म किया और मिडकैप इंडेक्स 0.8% व स्मॉलकैप इंडेक्स 1.5% उछला. डोमेस्टिक ट्रेडर्स कम्यूनिटी मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में सक्रिय रूप से भाग लेती है, घरेलू लाभ लेने के इरादे से टोकन का लेनदेन भी करता है. मुहूर्त ट्रेडिंग ऐसा समय होता है जिसमें लाभ होना काफी अच्छा और शुभ माना जाता है.
पिछले संवत यानि कि संवत 2077 में भारतीय शेयर बाजार ने कई कीर्तिमान हासिल किए. पिछले साल दिवाली के बाद से सेंसेक्स में 38% की तेजी आई. बीएसई के मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों में क्रमशः 63% और 83% की वृद्धि दर्ज की गई. मार्केट पार्टिसिपेंट्स का अनुमान था कि इस संवत में शेयरों में ज्यादा उछाल नहीं आ सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल के मुताबिक अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार और मजबूत रिटेल पार्टिसिपेशन के कारण बाजार अगले साल भी बेहतर प्रदर्शन करेगा. हालांकि हो सकता है कि इसकी रफ्तार उसके जैसी न हो.
कारोबारी गतिविधियों में तेजी आने के साथ आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है, मनी मैनेजरों का कहना है कि पिछले 18 महीनों में शेयर बाजार में इस उम्मीद को और बल दिया है. कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह ने कहा कि पिछले 18 महीनों में इक्विटी मार्केट ने शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन अगले तीन सालों में रिटर्न उतना अच्छा नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि ये अब भी दूसरे एसेट से बेहतर है. इसलिए कर्ज, इक्विटी, रियल एस्टेट, कमोडिटीज, ऑफशोर एसेट्स के बीच उचित एसेट एलोकेशन के साथ निवेश करना ठीक होगा ताकि निवेशक मुद्रा स्फीति को मात देकर काम करते रहें. इस बीच दुनियाभर के सेंट्रल बैंक मुद्रास्फीति के प्रेशर को समझने लगे हैं.एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली ने हा कि बढ़ती मुद्रास्फीति बाजार की गति को प्रभावित कर सकती है लेकिन भारतीय मैक्रोज में मजबूती और माइक्रो में सुधार से इन्हें ऑफसेट करने में मदद मिलने की संभावना है.
IIFL समूह के संस्थापक और अध्यक्ष निर्मल जैन के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के चलते निजी क्षेत्र के कैपेक्स साइकिल एक दशक के बाद पुनर्जीवित हो गए हैं. निर्यात बढ़ रहा है और ब्याज दरें कम हैं, जिससे आवास और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है. भारत भी वैश्विक चीन+1 रणनीति से फायदा लेने की ओर बढ़ रहा है.
बाजार अगले हफ्ते दिवाली की छुट्टी के बाद कमाई की घोषणाओं के अगले सेट पर ध्यान केंद्रित करेगा. विश्लेषकों का अनुमान है कि बैंक और फाइनेंस भी अगले साल के बाजार में सबसे अच्छा risk-reward balance देगा.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार के अनुसार संवत 2078 के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक बैंकिंग होगा क्योंकि क्रेडिट वृद्धि के स्पष्ट संकेत हैं.
बुधवार को डीजल और पेट्रोल पर सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद मुहूर्त कारोबार के दौरान ऑटो शेयरों में तेजी आई और बीएसई ऑटो, एफएमसीजी, इंडस्ट्री और कैपिटल गुड्स- सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे रंग में समाप्त होने के साथ बाजार में बड़ा मुनाफा नजर आ रहा है.
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