स्टॉक मार्केट पर लिस्टेड कंपनियों की कुल कीमत तीन लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच हई है. इसी के साथ भारतीय शेयर बाजार कैपिटलाइजेशन (market capitalisation – mcap) के मामले में दुनिया का आठवां सबसे बड़ा मार्केट बन गया है. कोरोना महामारी की अर्थव्यवस्था पर मार के बावजूद मार्च 2020 से घरेलू बाजार में तेजी बनी हुई है.
रिकॉर्ड मजबूती ने मार्केट कैप को 3.5 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंचाया है, जो मार्च 2020 में 1.3 लाख करोड़ डॉलर था. दोनों सूचकांक 6 सितंबर को नए हाई पर ट्रेड कर रहे थे. निफ्टी का इंट्रा-डे हाई 17,429.5 और सेंसेक्स का 58,515.80 रहा. IT, रियलटी और ऑटो स्टॉक्स के मुनाफों के चलते दोनों इंडेक्स सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर बंद भी हुए.
इस साल अब तक सेंसेक्स और निफ्टी अब तक करीब 40-40 बार नए उच्चतम स्तर हासिल किए हैं.
स्टॉक मार्केट कई कारणों से इस स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं. वैश्विक केंद्रीय बैंकों की ओर से अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सिस्टम में पैसे की उपलब्धता बढ़ाने से ग्लोबल लिक्विडिटी बढ़ी है. फिर, घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों की तरफ से लगातार खरीदारी हो रही है. अर्निंग्स में सुधार होने से भी रैली देखने को मिल रही है.
नौकरी छूटने या सैलरी में कटौती होने की वजह से कई लोगों ने सेकंडरी इनकम कमाने के लिए शेयर मार्केट में कदम रखना शुरू किया है. हाल में नए निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ने से रिटेल इन्वेस्टर्स की तरफ से लगाए जाने वाले पैसे बाजार में बढ़े हैं.
BSE के मार्केट कैप की बात करें तो देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत मार्च से लेकर अब तक में छह लाख करोड़ रुपये से उछलकर 16 लाख करोड़ रुपये हो गई है. इसके अलावा, IT सेक्टर का योगदान बड़ा रहा है. TCS का मार्केट कैप 6.4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. इंफोसिस की वैल्यूएशन 2.5 लाख करोड़ रुपये से चढ़कर 7.3 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है.
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