जानिए कौन सा शेयर अप्रैल में सुस्त लिस्टिंग के बावजूद 66 सेशन में 70% से ऊपर चढ़ा

इश्यू प्राइस के मुकाबले इस शेयर की कीमत में अब तक 70 फीसद से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।

Share Market

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मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers), जिसे लिस्टिंग के दिन कई निवेशकों द्वारा डंप किया गया था, BSE रियल एस्टेट इंडेक्स में दूसरे प्रमुख खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए दलाल स्ट्रीट पर चर्चा का विषय बना हुआ है. कंपनी का Share 23 जुलाई को (दोपहर 12:13 बजे) 844 रुपये पर ट्रेड करता दिखाई दिया. इस शेयर का इश्यू प्राइस 486 रुपये था। इस तरह इश्यू प्राइस के मुकाबले इस शेयर की कीमत में अब तक 70 फीसद से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।

19 अप्रैल को यह Share लगभग 10% के डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ था. दूसरी ओर, मेजर रियल एस्टेट खिलाड़ी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, DLF, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट्स, शोभा, सनटेक रियल्टी और द फीनिक्स मिल्स इसी अवधि के दौरान केवल 15% -42% के बीच बढ़े हैं. हालांकि, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट एकमात्र ऐसी कंपनी के रूप में उभरी, जिसने इसी अवधि के दौरान 100% से अधिक की छलांग लगाई.

फैक्टर्स

मार्केट पर नजर रखने वालों का मानना है कि मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) मुंबई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के अपटर्न पर सबसे अच्छा खेला है. एग्रेसिव पोर्टफोलियो चर्न, प्रेगमेटिक लेंड-बैंक मोनेटाइजेशन और लिस्टिंग-ट्रिगर डीलेवरेजिंग से इसके प्रीमियम लेंड बैंक को फिर से भरने की क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि मार्केट की मजबूती और लोढ़ा के ब्रांडिंग स्किल से भी कंपनी के सेल टारगेट को हासिल करने में मदद मिलनी चाहिए.

लेटेस्ट अपडेट

मैक्रोटेक डेवलपर्स, जो 2,500 करोड़ रुपये के IPO के सफल लॉन्च के बाद स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट हुआ, ने 8 जुलाई को कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के बावजूद जून में समाप्त तिमाही के लिए 957 करोड़ रुपये की अपनी सेल्स बुकिंग के चलते 88% की बढ़त देखी.
टोटल कलेक्शन YoY (साल-दर-साल) 346% बढ़कर 1,714 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही के बेसिस पर यह आंकड़ा 18% कम है.

“हमने 1QFY22 में कुल 957 करोड़ रुपये की प्री-सेल की थी. जबकि अप्रैल और मई में भारत में दूसरी कोविड लहर के कारण बहुत लिमिटेड प्री-सेल हुई थी, जून में 654 करोड़ रुपये की प्री-सेल देखी गई,”कंपनी ने कहा कि आगे कोई कोविड से संबंधित रुकावट नहीं है, हम पहले से बताए गए अपने प्री-सेल गाइडेंस को लेकर ट्रैक पर हैं.

कंपनी तिमाही के लिए अपने कर्ज में 3,600 करोड़ रुपये की कमी करने में भी कामयाब रही. लोढ़ा मुख्य रूप से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में मौजूद है, जो 1,19,000 यूनिट (FY 2021) सेल का दावा करता है, जो भारत में FY 2021 में उसकी कुल सेल का लगभग 28% है.

ब्रोकरेज व्यू
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 900 रुपये के प्राइस टारगेट के साथ मैक्रोटेक डेवलपर्स पर अपना कवरेज शुरू किया. ब्रोकरेज ने कहा, “लोढ़ा के स्केल ऑपरेशन, मजबूत सेल और मार्केटिंग मशीनरी, क्विक प्रोजेक्ट टर्नअराउंड के लिए एक्सिक्यूशन केपेबिलिटी, एक लार्ज लेंड बैंक के साथ , यह भारत के रियल एस्टेट मार्केट में बढ़ते कंसोलिडेशन को भुनाने के लिए सबसे अच्छी पोजीशन में है”

लोढ़ा रेसिडेंशियल सेल वैल्यू (FY2021 में 6,000 करोड़ रुपये) में लीडिंग डेवलपर्स में से एक है. कोटक ने आगे कहा कि कंपनी रेसिडेंशियल स्पेस में कंपलीट किए प्रोजेक्ट (20 mn sq ft) और फ्यूचर के प्रोजेक्ट लॉन्च (37 mn sq ft) की एक बड़ी लिस्ट के साथ-साथ इंडस्ट्रीयल वेयर हाउस, कमर्शियल ऑफिस और रिटेल मॉल के नए एरिया में डायवर्सिफिकेशन से बैलेंस शीट में डी-लीवरेजिंग की सुविधा प्रदान करेंगे.

मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि RERA और GST की शुरुआत से रेगुलेटरी विजिलेंस में वृद्धि हुई, डिमोनेटाइजेशन के रूप में आर्थिक झटके, फाइनेंशियल लिक्विडिटी क्राइसिस और साथ ही मौजूदा महामारी ने इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन की गति को तेज कर दिया है. इससे आगे चलकर ब्रांडेड प्लेयर्स को फायदा होगा.

जेफरीज ने जून में कहा था कि मैक्रोटेक डेवलपर्स का Share 800 रुपये तक पहुंच सकता हैं, जो इस महीने शेयर ने हासिल किया है. इसमें आगे कहा गया है कि बुल मार्केट में स्टॉक 950 रुपये तक पहुंच सकता है और नीचे की ओर यह 600 रुपये तक जा सकता है.

ब्रोकरेज ने कहा “लोढ़ा का IPO इसकी वित्तीय क्षमता में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. इसका हालिया क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड प्रोग्रेस दिखाता है. इसके अलावा, लार्ज लेंड बैंक के लेंड मोनेटाइजेशन से ऑपरेशनल कैश सरप्लस को बढ़ावा मिलता है. हमें उम्मीद है कि FY22 में प्री-सेल्स 38% बढ़कर 8,200 करोड़ रुपये हो जाएगी और जैसे ही परियोजना की घोषणा की जाएगी, हमें यकीन है कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का टारगेट हासिल किया जा सकता है”

Key रिस्क

मुंबई में लोढ़ा के सिंगल सिटी कॉन्सेंट्रेशन से कंपनी-स्पेसिफिक रिस्क पैदा होती हैं. कंस्ट्रक्शन में देरी, बढ़ता कम्पटीशन और मार्केट में प्रोजेक्ट की संख्या बढ़ाने में असमर्थता मैक्रोटेक डेवलपर्स के ऑपरेशन और ग्रोथ डायनामिक्स को प्रभावित कर सकती है.

Published - July 23, 2021, 12:55 IST