LIC Mega IPO: जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे अपनी मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी न बोलें. इसके साथ ही एलआईसी ने इस वित्तीय वर्ष जनवरी से मार्च तिमाही में अपेक्षित मूल्य, समय या प्रस्ताव के मूल्यांकन पर भी टिप्पणी करने से अपने कर्मचारियों को मना किया है. राज्य के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी ने कहा है कि अगले निर्देश तक केवल अध्यक्ष और चार प्रबंध निदेशकों को मीडिया से बातचीत करने की अनुमति है.
एमआर कुमार कंपनी के अध्यक्ष हैं और प्रबंध निदेशक एम के गुप्ता, राज कुमार, सिद्धार्थ मोहंती और मिनी आईपे (Mini Ipe) हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक LIC ने कहा है कि किसी भी सार्वजनिक मंच पर या किसी भी बातचीत में IPO, IPO साइज, IPO समय, IPO मूल्यांकन और भविष्य के अनुमानों पर किसी भी अधिकारी द्वारा कोई टिप्पणी या बयान नहीं दिया जाना चाहिए.
डॉस, एजेंट मीटिंग्स, कस्टमर मीट, पब्लिक फंक्शन या किसी पब्लिक फोरम जैसे पब्लिक इंटरैक्शन में ऐसे मुद्दों पर बात करने से एलआईसी ने अपने कर्मचारियों को सख्ती से मना किया है.
एलआईसी भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जिसकी लगभग 70 फीसद बाजार हिस्सेदारी है और यह एक विशाल एजेंट नेटवर्क चला रही है. अन्य 20 निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों के 11 लाख की तुलना में इसके 13.5 लाख से अधिक एजेंट हैं.
इसमें एक लाख से अधिक कर्मचारी हैं. एलआईसी के अधिकारी किसी भी सार्वजनिक मंच पर आईपीओ से संबंधित एलआईसी के किसी भी अप्रकाशित डेटा या किसी सूचना को साझा नहीं करेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में एलआईसी के आईपीओ की घोषणा की थी और इस साल के बजट में उन्होंने कहा था कि यह इस वित्तीय वर्ष में इसे पूरा कर लिया जाएगा.