देश का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक जीवन बीमा निगम (LIC), जिसकी 300 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी है, आने वाले ज़ोमैटो (Zomato) आईपीओ में निवेश करने पर विचार कर रहा है. मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की सबसे प्रमुख बीमा इकाई जो आम तौर पर द्वितीयक यानि सेकंडरी बाजारों में निवेश करती है, जब तक कि पब्लिक इशू सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा न हो, Zomato के आगामी आईपीओ में शेयरों के लिए बोली में भाग ले सकती है.
फूड ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो ने पिछले हफ्ते कहा था कि शुरुआती शेयर बिक्री के जरिए उसकी 9,375 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है जो 14 से 16 जुलाई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी।
इश्यू का प्राइस बैंड 72 से 76 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
यह आईपीओ कुल 9,375 करोड़ रुपये का है, जिसमें 9,000 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर और इंफो एज (इंडिया) लिमिटेड द्वारा 375 करोड़ रुपये की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है।
ड्राफ्ट पेपर्स के मुताबिक, नए इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ इनिशिएटिव्स और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
ज़ोमैटो का वित्तवर्ष2020 राजस्व उससे पिछले वित्तवर्ष से दो गुना बढ़कर 394 मिलियन अमरीकी डॉलर(लगभग 2,960 करोड़ रुपये) हो गया था, जबकि ब्याज, कर, मंदी और देनदारियों (EBITDA) में हुए नुक़सान पहले की कमाई लगभग 2,200 करोड़ रुपये थी।
सूत्रों के अनुसार, पूर्ण हो जाने की स्थिति में यानि आईपीओ के बाद ज़ोमैटो की क़ीमत 64,365 करोड़ रुपये हो जाएगी, जो कि जुबिलेंट फूडवर्क्स (41,006 करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण) और खाद्य श्रेणी में बर्गर किंग इंडिया (6,627 करोड़ रुपए) जैसी अन्य सूचीबद्ध कंपनियों की तुलना में कहीं अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेगमेंट में ख़ास तेज़ी दिखाई दी है, जिसमें जोमैटो और स्विगी ने बाजार पर पकड़ बनाने के लिए कड़ी की प्रतिस्पर्धा की है।
ब्रोकर कंपनी वेंचुरा सिक्योरिटीज इसे ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग देती है। इसके अनुसार, “वित्त वर्ष 2030 तक 1.2 बिलियन स्मार्टफोन यूज़र और विश्व स्तर पर सबसे सस्ते वाले डेटा पैक के साथ, ऑनलाइन खाद्य वितरण उपयोगकर्ताओं की संख्या को 170-190 मिलियन (14.2-14.3% सीएजीआर, 14-16% इंटरनेट हिस्सेदारी) तक पहुँचने का अनुमान है। इतनी तेजी से विकास के लिए ज़िम्मेदार कारण बढ़ते एकल परिवारों और व्यस्त जीवन शैली वाला तेज़ शहरीकरण है, जिसमें पति और पत्नी दोनों कामकाजी हैं।” इसका यह भी मानना है कि कंपनी वित्तवर्ष 2023 में 227.60 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष2024 में 479.10 करोड़ रुपये का लाभ हासिल कर सकती है। ज़ोमैटो को वित्तवर्ष2020, वित्तवर्ष2021 और वित्तवर्ष2022 में क्रमशः 2304 करोड़ रुपये, 816 करोड़ रुपये और 577 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
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