IPO: पेटीएम के आईपीओ आने की खबर के बाद अब कॉमन सर्विस सेंटर आईपीओ (IPO) की योजना बना रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के सीईओ दिनेश त्यागी ने कहा, लेन-देन में तेजी से वृद्धि हो रही है, अब हम आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने का लक्ष्य बना रहे हैं त्यागी ने बताया, हालांकि अभी तक कोई पुष्टिकृत मूल्यांकन नहीं आया है. त्यागी ने कहा कि सीएससी को आसानी से यूनिकॉर्न का दर्जा मिलना चाहिए और एक अरब डॉलर की कंपनी होनी चाहिए. उम्मीद हैं कि अगले साल मार्च तक आईपीओ आ जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार आईपीओ (IPO) से मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार, कॉर्पोरेट ऑफिस की स्थापना और सीएससी इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में किया जाएगा.
त्यागी ने कहा कि 2020-21 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये, और इस वित्त वर्ष में 70,000 करोड़ रुपये को पार करने वाला है.
त्यागी ने कहा कि सीएससी को शुरुआत में डिजिटल पहल को आगे बढ़ाने और ग्रामीण इलाकों-छोटे शहरों में सरकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए एक आउटरीच प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू किया गया था.
अब यह एक ऐसे प्लेटफॉर्म में बदल रही हैं, जिसे एचडीएफसी (एक शेयरधारक) जैसी शीर्ष बैंकिंग और बीमा कंपनियों द्वारा एक्सेस किया जा रहा है. यहाँ तक कि अडानी विल्मर, पेप्सी और कोक जैसी एफएमसीजी कंपनियां और टाटा मोटर्स और रेनॉल्ट जैसी ऑटो निर्माता कंपनी के इसमें भी शेयर है.
डिजिटल सेवा को चलाने वाला एक केंद्र कॉमन सर्विस सेंटर कहलाता है. यह हर महीने लगभग 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन करता है.
सीएससी लगभग 4.5 लाख डिजिटल-सक्षमता, खुदरा और ई-कॉमर्स की दुकानों का संचालन करता है, जिन्हें निजी तौर पर ‘ग्राम-स्तरीय उद्यमी द्वारा प्रबंधित किया जाता है.
सीएससी वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी यानि आईटी मंत्रालय के तहत एक सरकार द्वारा नियंत्रित इकाई है. सीएससी की स्थापना 2006 में हुई थी, साल 2014 के मध्य यह 80 हजार केंद्रों से बढ़कर साढ़े चार लाख यूनिट तक पहुंच गया है.
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