एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है जो पोटेंशियल रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग को जोड़ती है. किसी भी निवेश को चुनने से पहले, एक निवेशक को अपने फाइनेंशियल गोल की पहचान करनी चाहिए
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी Life Insurance Corporation of India (LIC) के IPO के बाद 60 फीसदी तक बीमा कारोबार लिस्टेड कंपनियों के पास आ जाएगा. यह जानकारी वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमित अग्रवाल ने दी है. जुलाई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने LIC की लिस्टिंग को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. सरकार ने एलआईसी आईपीओ के जरिए चालू फाइनेंशियल ईयर में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश करने का लक्ष्य रखा है.
तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रुप में विकसित हो रहा है भारत
एक कार्यक्रम में बोलते हुए अतिरिक्त सचिव ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रुप में विकसित हो रहा है जिसमें मजबूत वित्तीय तंत्र की मुख्य भूमिका रही है. हमारा वित्तीय तंत्र लगातार मजबूत और परिपक्व होता जा रहा है और इसमें पहले से ज्यादा गहराई भी आ रही है. बीमा क्षेत्र में स्पर्धा को खोलने और बढ़ाने के बाद यह क्षेत्र भी परिपक्व और मजबूत हुआ है.
21 साल में बीमा कंपनियां हुईं 69
साल 2000 तक भारत में बीमा कंपनियां केवल आठ थीं लेकिन 20 साल बाद अब इनकी संख्या बढ़कर 69 तक पहुंच चुकी है. इनमें से अधिकांश बीमा कंपनियों ने अपने शुरुआती चरण को पार कर लिया है. अग्रवाल ने कहा कि LIC की प्रस्तावित लिस्टिंग के बाद बीमा उद्योग का करीब 60 फीसदी कारोबार लिस्टेड कंपनियों के पास होगा.
विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है लक्ष्य
चालू फाइनेंशियल ईयर में में सरकार ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय कर रखा है, पर अभी तक सरकार विनिवेश के जरिए केवल 7,646 करोड़ रुपये जुटाने में सफल हो सकी है. हाल ही में सरकार की ओर से तेल व गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों में 100 फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई थी, ताकि विदेशी निवेशकों के द्वारा इन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी जा सके.