भारत के पास विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार (fourth largest coal reserves globally) है. भारत में उच्चतम कोयला भंडार वाले शीर्ष तीन राज्य झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ हैं, जो देश के कुल कोयला भंडार के लगभग 70 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं.
IEX के शेयर दो ट्रेडिंग सेशंस में 17.1 फीसदी चढ़ गए हैं. इनका पिछला क्लोजिंग स्तर 27 अगस्त 2021 को 433.95 रुपये था. ये स्टॉक मंगलवार को कारोबार के दौरान 521.55 रुपए के इंट्राडे हाई पर चला गया. 4 नवंबर 2020 को 181 रुपये के 52-हफ्ते पर पहुंचने के बाद से ये शेयर अब तक 180.7% चढ़ चुका है.
BSE पर मंगलवार को IEX के 9.16 लाख शेयरों का लेनदेन हुआ. जबकि गुजरे दो हफ्तों में इसका औसत दैनिक वॉल्यूम 2.77 लाख शेयरों का है. IEX के शेयर ने एक महीने के दौरान मार्केट के मुकाबले कहीं अच्छा प्रदर्शन किया है. ये इस दौरान 11.50 फीसदी चढ़ा है, जबकि इसी अवधि में सेंसेक्स 8.18 फीसदी ही चढ़ा है.
27 अगस्त 2021 से IEX के शेयर को NSE के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में शामिल किए जाने के बाद से इस शेयर में तेजी आई है. IEX F&O कॉन्ट्रैक्ट का मौजूदा लॉट साइज 1,250 यूनिट है. टेक्निकल मोर्चे पर, स्टॉक का RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) 78.872 है. RSI जीरो और 100 के बीच रहता है. आमतौर पर RSI के 70 के ऊपर होने पर स्टॉक को ओवरबॉट माना जाता है. साथ ही अगर ये 30 से कम होता है तो इसे ओवरसोल्ड कहा जाता है.
ये स्टॉक अपने 50 और 100 दिन के सिंपल मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहा है. ये लेवल निकट भविष्य में एक अहम सपोर्ट जोन के तौर पर काम करेंगे.
IEX देश का पहला और सबसे बड़ा एनर्जी एक्सचेंज है जो कि इलेक्ट्रिसिटी डिलीवरी, रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट्स (REC) और ESCerts (एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट्स) के लिए एक ऑटोमेटेड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है.
कंसॉलिडेटेड आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में IEX का नेट प्रॉफिट 47.5 फीसदी उछलकर 62.10 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि इसकी नेट सेल्स 34.1 फीसदी बढ़कर 91.03 करोड़ रुपये हो गई है.