आईडीबीआई बैंक के विनिवेश को मिली कैबिनेट से हरी झंडी, मैनेजमेंट कंट्रोल भी होगा ट्रांसफर
IDBI Bank Disinvestment: भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक भी LIC को बतौर प्रोमोटर बैंक में हिस्सेदारी घटानी ही है. LIC की फिलहाल 49.21% हिस्सेदारी है
इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के किए ऐलान के अनुरूप कैबिनेट ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में सरकारी की हिस्सेदारी बेचने और बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. हालांकि बैंक के प्रोमोटर LIC और सरकार इस विनिवेश में कितनी-कितनी हिस्सेदारी बेचेंगे ये RBI के साथ चर्चा के बाद ही तय होगा.
एलाईसी (LIC) और सरकार की आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में कुल 94 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें से LIC के पास बैंक के 49.21 फीसदी शेयर हैं लिहाजा LIC के पास ही मैनेजमेंट कंट्रोल है और वही बैंक की प्रोमोटर भी है. बैंक में सरकार की 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है और केंद्र सरकार इसमें को-प्रोमोटर है.
आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी घटाने पर LIC बोर्ड से रेजॉल्यूशन पास हो चुका है. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक भी LIC को बतौर प्रोमोटर बैंक में हिस्सेदारी घटानी ही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिती (CCEA) ने आईडीबीआई बैंक में स्ट्रैटेजिक विनिवेश को मंजूरी दे दी है.
सरकार की ओर से दिए आधिकारिक बयान के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श कर तय किया जाएगा कि इस बैंक में केंद्र सरकार और एलआईसी की कितनी-कितनी हिस्सेदारी बेची जाए.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नए खरीदार से उम्मीद रहेगी कि वे सरकार या LIC से फंड के बिना ही बैंक (IDBI Bank) का बिजनेस बढ़ाएं, बेहतर मैनेजमेंट करें और नई टेक्नोलॉजी लाएं. बयान में कहा गया है कि सरकार बिक्री से जुटाई रकम को नागरिकों के लिए विकास कार्यक्रमों में लगाएगी.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते समय घोषणा की थी कि चालू वित्त वर्ष के विनिवेश कार्यक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों (पीएसबी) का निजीकरण भी किया जाएगा.
बजट में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है.