क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले काफी कम लोगों को इससे हुए प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स की जानकारी है. ऐसे में ये लोग टैक्स से जुड़ी जानकारी के लिए अपने सलाहकारों के पास जा रहे हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस पर लगने वाला टैक्स 30% तक हो सकता है. सरकार भी किप्ट्रोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए लीगल फ्रेमवर्क लाना चाहती है. ऐसी भी खबरें है कि सरकार क्रिप्टो पर GST लगा सकती है.
टैक्स एक्सपर्ट इस बात पर एक राय नहीं है कि क्रिप्टो एसेट से मिले रिटर्न को इक्विटी या रियल एस्टेट पर लागू होने वाले कैपिटल गेन की तरह वर्गीकृत किया जाना चाहिए या बिजनेस इनकम के रूप में. सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कानून लाना चाहती है. सरकार नए ड्राफ्ट बिल में क्रिप्टोकरेंसी को टैक्सेशन सहित सभी उद्देश्यों के लिए संपत्ति/वस्तु के रूप में मान सकती है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स इस बात पर भी निर्भर करेगा कि सरकार एसेट को कैसे परिभाषित करती है.
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई निवेशकों यह जानना चाहते हैं कि क्रिप्टो एसेट्स से मिले रिटर्न पर टैक्स कैसे लगाया जाएगा? इकोनॉमिक टाइम्स से टैक्स एडवाइजरी फर्म KPB एंड एसोसिएट्स के पार्टनर पारस सावला ने कहा, ज्यादातर इंक्वायरी में इस तरह के सवाल किए जाते हैं कि क्रिप्टो को एसेट माना जाए या गुड्स? एक क्रिप्टो करेंसी का दूसरी क्रिप्टो के लिए एक्सचेंज, क्रिप्टो के वैल्यूएशन, क्रिप्टो का फिएट करेंसी में परिवर्तन, एक सॉफ्ट वॉलेट से दूसरे में क्रिप्टो का ट्रांसफर, नॉन-क्रिप्टो बिजनेस से प्राप्त क्रिप्टो पर लगने वाला टैक्स.
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