भारत गोल्ड का वर्ल्ड का सबसे बड़ा कंज्यूमर है. गोल्ड (Gold) न केवल सेंटिमेंटल वेल्यू से जुड़ा है और स्टेटस का सिंबल है, बल्कि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन भी मौजूदा गोल्ड की कीमत के आधार पर एसेट वैल्यू के 75 प्रतिशत तक का लोन देते हैं. दूसरे प्रोडक्ट के विपरीत, गोल्ड लोन की क्रेडिट कॉस्ट बहुत कम होती है. इसने दो स्पेशलाइज्ड गोल्ड फाइनेंसर्स, मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस को काफी फायदा पहुंचाया है क्योंकि उन्होंने ऐतिहासिक रूप से ROA (रिटर्न ऑन एसेट्स) और ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) को बैंकों और अन्य NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) की तुलना में कहीं बेहतर जनरेट किया है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास US$1.5tn सोना है, जिसमें से केवल 10% का इस्तेमाल फाइनेंसिंग के लिए किया जाता है. CLSA द्वारा रिलीज रिपोर्ट में कहा गया है, “बैंकों की 75% हिस्सेदारी है, मुथूट फाइनेंस सबसे बड़ा प्लेयर है और मणप्पुरम फाइनेंस टॉप 5 में से है. एक अलग बिजनेस मॉडल के साथ, NBFC ने बैंकों की तुलना में अधिक इंटरेस्ट रेट वसूलने के बावजूद अच्छा फायदा कमाया है.” बढ़ते कॉम्पटीशन के बावजूद CLSA का मानना है कि मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस के लिए अगले पांच सालों में सोने की कीमतों की परवाह किए बिना 10-12% CAGR (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) की दर से बढ़ने की गुंजाइश है.
गोल्ड फाइनेंसर्स को आम तौर पर अंत में नेगलिजिबल क्रेडिट लॉस हुआ है, 75% का रेगुलेटरी लोन टू वैल्यू (LTV) कैप और शॉर्ट रीपेमेंट शेड्यूल दिया गया है. इसलिए, जबकि बैलेंस शीट पर (1-3%) ग्रोस नॉन-परफॉर्मिंग लोन (GNPL) हैं, कोई ऑक्शन लॉस नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “गोल्ड लोन फाइनेंसर आमतौर पर कस्टमर को रेगुलर बेसिस पर भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे टेन्योर के अंत में डिफॉल्ट की संभावना कम हो जाती है. ये सभी रिटेल लैंडिंग प्रोडक्ट्स में गोल्ड लोन को सबसे सुरक्षित प्रोडक्ट बनाता है.”
CLSA ने कहा, “पिछले पांच सालों में, फंड की कॉस्ट में तेज गिरावट और कुछ यील्ड एक्सपेंशन पर दोनों प्लेयर्स के लिए नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 300-350 बेसिस पॉइंट का सुधार हुआ है. कुछ माइक्रोफाइनेंस प्लेयर्स की तुलना में दोनों प्लेयर्स की यील्ड 20% से ज्यादा है.”
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म की राय है कि कुछ बैंकों से बढ़ते कॉम्पटीशन के साथ, मीडियम टर्म यील्ड में गिरावट जरूर हो सकती है. जबकि फंड की कम कॉस्ट के कारण पार्शियल ऑफसेट हो सकता है, इसलिए FY21-24 में 40-80 बेसिस पॉइंट बढ़ने की उम्मीद है.
लो बैलेंस-शीट रिस्क के साथ हायर प्रॉफिटेबिलिटी देखते हुए CLSA ने मुथूट फाइनेंस पर 1,900 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ कवरेज शुरू किया, जो सितंबर-23 बुक वैल्यू प्रति शेयर के 3x पर बेस्ड है. दूसरी ओर, मणप्पुरम फाइनेंस के लिए ब्रोकरेज फर्म का टारगेट प्राइस 240 रुपये है, जिसका अर्थ है 1.8x का प्राइस बुक मल्टीपल और 9.5x का प्राइस टू अर्निंग मल्टीपल.
(डिसक्लेमर: इस आर्टिकल में रिकमेंडेशन रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म द्वारा दी गई हैं. मनी 9 और उसका मैनेजमेंट उनकी निवेश सलाह के लिए को
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