बीते सप्ताह सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज और ICICI बैंक के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई.
दुनिया के तीन बड़े ब्रोकरेज फंड हाउस, नोमुरा, UBS और मॉर्गन स्टैनली ने भारतीय शेयर बाजार की ग्रेडिंग घटाई है. आपके पोर्टफोलियो पर इसका ये असर पड़ सकता है.
नोमुरा ने भारतीय शेयर बाजार को ‘ओवरवेट’ से डाउनग्रेड कर के ‘न्यूट्रल’ कर दिया है. उसने चीन और ASEAN देशों में फंड रिलोकेट करने का सुझाव दिया है, जिनका 2021 में अब तक भारत से खराब प्रदर्शन रहा है. इसी तरह UBS ने कहा है कि भारत का स्टॉक वैल्यूएशन अनअट्रैक्टिव लग रहा है. मॉर्गन स्टैनली ने ब्राजील और भारत को डाउनग्रेड कर के समान वेटेज दिया है.
इस डाउनग्रेड का मुख्य कारण हाई वैल्यूएशन रहा. फंड हाउसेज का मानना है कि कई पॉजिटिव नजर आ रहे हैं, मगर हेडविंड इमर्ज कर रहे हैं.
नोमुरा के मुताबिक, MSCI इंडेक्स में करीब 77 प्रतिशत भारतीय स्टॉक कोरोना पूर्व स्तर से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं. MSCI इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स का इस्तेमाल वित्तीय प्रदर्शन आंकने के लिए होता है.
भारतीय बाजार अपने वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन दर्ज कर रहे हैं. एनालिस्ट्स और फंड मैनेजर इनकी ऊंची कीमतों को लेकर असहज हैं.
नितियों के नॉर्मल स्तर पर वापस आने से भी मार्केट को ऊपर उठने में मुश्किल हो सकती है. सरकार और केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को वित्तीय समर्थन देते आ रहे हैं. यह पैसा स्टॉक मार्केट में पहुंच चुका है. दुनियाभर में लिक्विडिटी सपोर्ट खत्म किया जा रहा है. भारत को भी ऐसा करना होगा.
देश महंगाई से भी जूंझ रहा है. वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं. इससे नियर-टर्म में प्राइस प्रेशर बढ़ सकता है और मांग घट सकती है.
रिटेल निवेशकों की ओर से नियर-टर्म में हिस्सेदारी घट सकती है. पिछले डेढ़ साल में रिटेल इन्वेस्टर नौकरी छूटने, वेतन में कटौती होने, खर्च बढ़ने के कारण तेजी से स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित हुए हैं. हालात समान हुए तो बाजार से इनकी निकासी हो सकती है.
इस साल अर्थव्यवस्था के रीबाउंड करने की गुंजाइश कम है. महंगी करेंसी से भी पता चलता है कि भारत के लिए अस्थिरता का माहौल बना हुआ है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब तक रही तेज एकतरफा रैली के बाद मार्केट में करेक्शन होना बाकी है. हम उच्चतम स्तर से पांच प्रतिशत नीचे आ गए हैं, लेकिन और 5-10 फीसदी गिरावट के लिए कमर कस लेनी चाहिए. इंडिविजुअल पोर्टफोलियो के लिए एनालिस्ट्स का सुझाव है कि निवेशकों को मुनाफा निकाल लेना चाहिए. लॉन्ग-टर्म के लिहाज से उन्हें अच्छे स्टॉक्स में बने रहना चाहिए.