कोविड से सहमे FPI ने अप्रैल में भारतीय बाजारों से निकाले 10,000 करोड़ रुपये

जानकारों के मुताबिक, FPI में कोविड संकट का भय और बढ़ता है तो विदेशी निवेशकों के अपनी हिस्सेदारी बेचने का चलन जोर पकड़ सकता है.

stock market, nifty, sensex, monsoon, bond yield, company results

सेंसेक्स में एचसीएल टेक दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर था, वहीं इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी देखी गयी

सेंसेक्स में एचसीएल टेक दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर था, वहीं इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी देखी गयी

विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया. विदेशी निवेशक अप्रैल माह में शुद्ध बिकवाल रहे और माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपये की निकासी की.

भारत में कोरोना वायरस की गंभीर लहर और उसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने अपना यह रुख बदला.

माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह संस्थापक हर्षद चेतनवाला के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) में कोविड-19 संकट का भय यदि बढ़ता है तो विदेशी निवेशकों के अपनी हिस्सेदारी बेचने का चलन जोर पकड़ सकता है और बाजार में थोड़ी और उथल-पुथल आ सकती है.

डिपॉजिटरी के पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय इक्विटी बाजार से 9,659 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली. सितंबर, 2020 के बाद से पहली बार इस स्तर पर पूंजी की निकासी की गई. तब 7,782 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी.

अक्टूबर- मार्च के बीच FPI ने 1.97 लाख करोड़ डाले

अप्रैल से पहले अक्तूबर, 2020 और मार्च, 2021 के बीच एफपीआई (FPI) ने इक्विटी में 1.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. इसमें इस साल के पहले तीन महीने में किया गया 55,741 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है.

शेयर खान (बीएनपी पैरिबास) के कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी विभाग के प्रमुख, वरिष्ट उपाध्यक्ष, गौरव दुआ ने कहा, ‘उभरते बाजारों में विदेशी निवेश में सामान्य रूप से एक मंदी आयी है. खासतौर पर भारत में कोरोना की दूसरी लहर और अर्थव्यवस्था पर उसके असर से विदेशी संस्थानों पर इक्विटी बेचने का दबाव है.’

FPI का असर तात्कालिक

रिलायंस सिक्यॉरिटीज के स्ट्रेटजी प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि एफपीआई (FPI) की बिक्री थोड़े समय की प्रक्रिया है और इससे एक बड़ा जोखिम पैदा होने की आशंका नहीं है क्योंकि भारतीय इक्विटी की बुनियाद ठोस है.

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 मामलों में अच्छी खासी कमी आने पर आने वाले महीनों में इक्विटी में एफपीआई (FPI) का प्रवाह वापस लौट सकता है.

डेट मार्केट से भी 118 करोड़ निकाले

इक्विटी के अलावा एफपीआई (FPI) ने पिछले महीने कुल 118 करोड़ रुपये के डेट पेपर्स की भी बिकवाली की.

इस साल अब तक एफपीआई (FPI) ने शेयरों में 46,082 करोड़ रुपये का निवेश किया, लेकिन डेट पेपर्स से कुल 15,616 करोड़ रुपए की राशि निकाली है.

Published - May 2, 2021, 04:52 IST