घरेलू ब्रोकरेज (दलाल) भले ही भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) से खुश हों लेकिन विदेशी ब्रोकरेज ने भारतीय शेयरों को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है. दरअसल भारतीय शेयर बाजारों (Stock Market) में तेजी का रुख बना हुआ और आने वाले समय में सेंसेक्स और निफ्टी में भी तेजी की संभावनाएं जताई जा रही हैं. इससे घरेलू ब्रोकरेज फर्म तो खुश हैं, लेकिन विदेशी फर्म्स इस तेजी से दूरी बनाने के लिए आगाह कर रही हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार घरेलू ब्रोकरेज फर्मों ने बिजनेस स्टैंडर्ड के पोल में आधे से ज्यादा प्रतिभागियों ने कहा कि अगले एक साल के दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आ सकती है. जबकि 14 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि यह बढ़त 15 प्रतिशत से अधिक रह सकती है. सेंसेक्स की बात करें तो यह बुधवार को 60 हजार और निफ्टी 17899 के स्तर पर बंद हुआ था. अगर वर्तमान स्तर को देखते हुए तुलना की जाए तो 15 फीसदी तेजी का मतलब सेंसेक्स लगभग 70 हजार के आस-पास और निफ्टी तकरीबन 20,500 के तक पहुंच जाएगा.
बाजार से जुड़े कुछ सिक्योरिटीज ने भी तेजी को लेकर अनुमान लगाया है. एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक दिसंबर 2022 में निफ्टी 20,200 और ऐंजल सिक्योरिटीज के अनुसार यह 20 हजार तक पहुंच जाएगी. जबकि आईआईएफएल (IIFL-India Infoline Finance Limited) इसे अगले एक साल में 20 से 21 हजार के दायरे में देख रहा है. आईआईएफएल (IIFL)का अनुमान है कि आर्थिक सुधार और आमदनी में बढ़ोतरी की मदद से यह इस स्तर तक पहुंचने में कामयाब हो सकते हैं.
पोल के 80 प्रतिशत भागीदारों ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार खुदरा निवेशक और म्युचूअल फंडों की कारण बढ़ा है इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई का कोई योगदान नहीं है. अक्टूबर की शुरुआत में एफपीआई ने 2.5 अरब डॉलर से अधिक के शेयर बेचे हैं. इस बिकवाली से भारतीय बाजारों पर कुछ खास असर नहीं हुआ केवल 3 फीसदी की ही गिरावट देखी गई थी. अधिकतम ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि अगले एक साल तक शेयर सबसे अच्छी संपत्ति है. जबकि चंद लोगों का मानना है कि रियल एस्टेट, सोना और क्रिप्टोकरेंसी पर मिलना वाला रिटर्न निवेशकों को ज्यादा आकर्षित कर सकता है.
ज्यादातर फर्में सेंकेडरी मार्केट को लेकर तेजी बुलिश बने हुए हैं. इनमें से आधों ने कहा कि आईपीओ बाजार में कुछ जोखिम नजर आ रहा है. जबकि 30 प्रतिशत लोगों को इसमें कोई चिंता नहीं आ रही है. इस साल बेंचमार्क सूचकांक 30 प्रतिशत तक चढ़ चुका है. जब फर्मों से पूछा गया कि क्या भारतीय कंपनियां आमदनी के अनुमानों को हासिल करने में सफल रहेंगी तो जवाब मिला जुला प्राप्त हुआ. 43 प्रतिशत हां कहा तो 36 प्रतिशत ने नहीं में जवाब दिया.
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