ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वाली फर्म जोमैटो (Zomato) ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड बेसिस पर 356 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया. पिछले महीने शेयर मार्केट में शानदार शुरुआत के बाद से यह देश के प्रमुख फूड एग्रीगेटर की पहली तिमाही इनकम अपडेट है. भारी नुकसान के बावजूद आज शुरुआती ट्रेडिंग सेशन में शेयर की कीमत में 5% तक का उछाल देखने को मिला. जोमैटो की Q1 इनकम को देखते हुए इन्वेस्टर्स के लिए 9 पॉइंट दिए गए हैं.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रेवेन्यू 844 करोड़ रुपये रहा, पिछले साल की इसी अवधि में रेवेन्यू 266 करोड़ रुपये था, जो ईयर ऑन ईयर बेसिस पर तीन गुना बढ़त दिखाता है. रेवेन्यू ग्रोथ काफी हद तक इसके कोर फूड डिलीवरी बिजनेस में ग्रोथ के कारण थी जो अप्रैल से शुरू होने वाली गंभीर कोविड लहर के बावजूद बढ़ती रही. जहां 806 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू भारत से आया, वहीं 31 करोड़ रुपये का रेवेन्यू UAE से और शेष अन्य मार्केट से आया.
जोमैटो ने कहा कि इसका एडजस्टेड रेवेन्यू – जो ऑपरेशंस और कस्टमर डिलीवरी चार्जेस के कॉम्बिनेशन का रेवेन्यू है – मार्च तिमाही में लगभग 920 करोड़ रुपये की तुलना में जून तिमाही में 26% बढ़कर 1,160 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, अपने कोर बिजनेस से परे, जोमैटो ने रेस्टोरेंट पार्टनर्स के लिए बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) सप्लाई सेगमेंट में अपने घाटे को बढ़ते देखा, जबकि बाहर खाने से होने वाली इनकम में गिरावट जारी रही.
जोमैटो ने 30 जून, 2021 को समाप्त तिमाही के लिए अपने नेट लॉस को 360.7 करोड़ रुपये तक बढ़ने की सूचना दी, जो मुख्य रूप से बढ़ते खर्चों की वजह से थी. जोमैटो ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 99.8 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया था.
जोमैटो ने कहा कि घाटे में बढ़ोतरी “बड़े पैमाने पर नॉन-कैश ESOP (एम्प्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान) खर्चों की वजह से हुई है, जो कि सिग्निफिकेंट ESOP ग्रांट के कारण FY22 के पहले क्वार्टर में काफी बढ़ी है”
इस साल जून में समाप्त तिमाही में कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 1,259.7 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 383.3 करोड़ रुपये था.
Q4 FY21 में INR 1.2 बिलियन की तुलना में Q1 FY22 में एडजस्टिड EBITDA लॉस 1.7 बिलियन रुपये था. 1.7 बिलियन के एडजस्टेड EBITDA लॉस की तुलना में हमारे फाइनेंशियल स्टेटमेंट में रिपोर्ट किए गए Q1 FY22 के लिए लॉस INR 3.6 बिलियन है. पिछली तिमाही की तुलना में भारत का डाइनिंग-आउट रेवेन्यू कम हुआ जिसकी वजह से एडजस्टेड EBITDA लॉस भी बढ़ा है. ग्रोथ में इन्वेस्टमेंट के कारण Q1 FY22 में हाइपर प्योर लॉस एक्सपेंड हुआ.
जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि रिपोर्ट किए गए प्रॉफिट/लॉस और एडजस्टेड EBITDA में यह अंतर आगे भी जारी रहेगा.
कंपनी ने कहा कि डोमेस्टिक फूड डिलीवरी बिजनेस ने क्वार्टर अंडर रिव्यू में अब तक की सबसे ज्यादा ग्रोस ऑर्डर वैल्यू (GOV) दर्ज की है. ये जोमैटो के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू है. GOV जोमैटो इंडिया पर दिए गए सभी फूड डिलीवरी ऑर्डर की टोटल मॉनेटरी वैल्यू है, जिसमें टैक्स, कस्टमर डिलीवरी चार्जेस, सभी डिस्काउंट का ग्रोस, टिप्स को छोड़कर शामिल हैं.
इंडियन फूड डिलीवरी बिजनेस की ग्रोस ऑर्डर वैल्यू अप्रैल-जून तिमाही में साल-दर-साल चार गुना से ज्यादा बढ़कर 4,540 करोड़ रुपये हो गई. जोमैटो ने कहा कि उसने 2015 में बिजनेस में एंटर करने के बाद से 1 बिलियन ऑर्डर डिलीवर किए हैं, पिछले तीन महीनों में ही 100 मिलियन से अधिक ऑर्डर डिलीवर किए गए हैं.
‘ए बिलियन स्माइल्स, डिलीवर्ड’ शीर्षक वाले अपने ब्लॉग में, गोयल ने कहा कि Q1 FY22 हमारी टीम के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण क्वार्टरों में से एक था. दूसरी COVID लहर ने देश को हिला दिया, उस दौरान हम एक ही समय में कई चीजों पर काम कर रहे थे.
उन्होंने कहा, “जुलाई में हमारे पास 310k एक्टिव डिलीवरी पार्टनर थे, जो हमारे लाइफटाइम में अब तक की सबसे ज्यादा एक्टिव डिलीवरी पार्टनर की संख्या है. जैसा कि हम आगे देखते हैं,
हम अपने सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए जोमैटो को उनकी पसंद का प्लेटफॉर्म बनाने पर फोकस करना जारी रखेंगे और अपने डिलीवरी पार्टनर्स, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और कस्टमर्स के लिए NPS में लगातार सुधार करने का प्रयास करेंगे”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के हेमांग जानी ने कहा, ” जोमैटो ने एक बहुत मजबूत फूड डिलीवरी GOV (Rs45.4bn, +37% QoQ) के नेतृत्व में Rs8.44bn(+22% QoQ) का मजबूत Q1 रेवेन्यू रिपोर्ट किया. हमने Q1 में AOV में तेज बढ़त देखी (Q4 में मामूली गिरावट के बाद), मिड से हाई सिंगल डिजिट QoQ तक. Q1 (हमारे अनुमान) में डिलीवरी की संख्या Q4 में 84 मिलियन से 100 मिलियन को पार कर गई, जिसका मतलब है कि मिड 20% QoQ ग्रोथ. कॉन्ट्रीब्यूशन मार्जिन में QoQ में थोड़ी गिरावट देखी गई लेकिन यह पॉजिटिव बना हुआ है. चूंकि यह ग्रोथ के शुरुआती फेज में है, इसलिए मार्केट द्वारा EBIDTA लॉस नकारात्मक तौर पर नहीं लिया जा सकता.
जून तिमाही साल के लिए एक मजबूत शुरुआत थी. फॉरेन ब्रोकरेज ने कहा कि तिमाही प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा. इसने स्टॉक के लिए 165 रुपये का प्राइस टारगेट बनाए रखा.
ब्रोकरेज हाउस को स्टॉक 175 रुपये के लायक लगता है. इनका मानना है कि ग्रोस ऑर्डर वैल्यू (GOV) में
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