Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के विज्ञापनों पर लगाम कसने की तैयारी

क्रिप्टोकरेंसी न्यूजः क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों (Cryptocurrency exchanges) के लिए जल्द ही विज्ञापन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं.

This is important to know before investing in big names or any other crypto currency

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों (Cryptocurrency exchanges) के लिए जल्द ही विज्ञापन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं. भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) इसे “चिंता के उभरते क्षेत्र” के रूप में देखते हुए इस ओर कदम उठाने की सोच रही है. विज्ञापन उद्योग के इस स्व-नियामक निकाय की महासचिव मनीषा कपूर ने क्रिप्टोकरेंसी चिंता का एक उभरता हुआ क्षेत्र बताते हुए कहा है “ASCI विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक और नए दिशा-निर्देशों पर विचार कर रहा है.”

ASCI के दिशा-निर्देश हालांकि कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, वे उपभोक्ता मामलों के विभाग, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), आयुष और सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचनाओं का हिस्सा मात्र हैं, पर इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन को सरकार के नियमों का उल्लंघन जैसा ही माना जाता है.

लोगों को बिटकॉइन और लाइटकॉइन जैसी लोकप्रिय वर्चुअल मुद्राओं को खरीदने-बेचने और व्यापार करने की सुविधा देने वाले जेबपे, वजीरएक्‍स और कॉइनस्विच कुबेर जैसे क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency exchanges) एएससीआई के नए निर्देशों के दायरे में आएंगे, क्योंकि ASCI के मौजूदा नियमों में सह साफ तौर पर कहा गया है कि विज्ञापन भ्रामक न हों और वे उपभोक्ताओं की विशेषज्ञता और ज्ञान की कमी का लाभ न उठाएं. कपूर ने कहा कि इस लिहाज़ से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के लिए नए दिशा-निर्देशों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा “हम विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग से इस दिशा में काम करेंगे.”

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस बारे में नोटिस जारी किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को तय की है.

दिल्ली हाई कोर्ट के वकील अजय तेजपाल ने कहा, “उचित डिस्‍क्‍लेमर बिना और निवेशकों को उचित चेतावनी दिए बिना क्रिप्टोकरेंसी जैसी चीजों में आम लोगों से निवेश आकर्षित करने के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापनों को भ्रामक और सार्वजनिक हित के खिलाफ माना जाना चाहिए.”

जेबपे, वजीरएक्स और कॉइनस्विच कुबेर जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज निवेशकों की रुचि में बढ़ोतरी का फायदा उठाते हुए, विभिन्‍न प्लेटफॉर्मों पर आक्रामक ढंग से अपने विज्ञापन चला रहे हैं. वजीरएक्स स्विगी, एप्पल, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एमेजॉन के साथ-साथ सोनी लिव पर प्रसारित हो रही भारत-श्रीलंका क्रिकेट शृंखला के प्रायोजकों में भी शामिल है. जेबपे के मुख्य कार्यकारी अविनाश शेखर ने कहा, “हम इस संबंध में जारी किए जा सकने वाले निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे.”

क्‍या है देश में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति

ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म चेनालिसिस के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश पिछले एक साल में लगभग 20 करोड़ डॉलर से बढ़कर लगभग 40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. क्रिप्टोकरेंसी पर हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक व्यापार प्रतिबंध नहीं है, फिर भी कई भारतीय बैंक इस क्षेत्र को बैंकिंग सुविधा उपलब्‍ध कराने में हिचक रहे हैं, क्योंकि इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीद के साधन के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 (क्रिप्टो बिल) का मसौदा तैयार किया था, जिसका उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगाना और आरबीआई के तहत एक आधिकारिक डिजिटल सिक्के का मार्ग प्रशस्त करना था, लेकिन विधेयक को अभी तक संसद में पेश नहीं किया गया है, और यह न ही यह मौजूदा मानसून सत्र के लिए सूचीबद्ध है.

Published - July 22, 2021, 04:19 IST