बिटकॉइन में 21वीं सदी का सोना बनने की क्षमता- मैरियन लबौरे

Cryptocurrency: लबौर ने कहा कि बिटकॉइ, एथेरियम को कई दुकानों में स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन अभी भी ये पमेंट करने का कॉमन फॉर्म नहीं है.

How to buy cryptocurrency and where to store it, how is it bought and sold

क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता.

क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता.
दो ट्रिलियन डॉलर की क्रिप्टो इकोनॉमी को अनदेखा करना आम लोगों और विश्लेषकों दोनों के लिए असंभव है. ड्यूश बैंक रिसर्च (Deutsche Bank Research) की एनालिस्ट मैरियन लबौरे (Marion Laboure) की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें उन्होंने बताया है कि डिजिटल करेंसी का डेवलपमेंट कैसे पेमेंट के फ्यूचर को आकार देगा. इस रिपोर्ट का टाइटल है ‘आई कुड पोटेंशियली सी बिटकॉइन टू बिकम द 21st सेंचुरी गोल्ड.’

इस वजह से बिटकॉइन और एथेरियम पमेंट करने का कॉमन फॉर्म नहीं

रिपोर्ट में, लबौर ने कहा कि बिटकॉइन और एथेरियम को वर्तमान में कई दुकानों में स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन अभी भी लॉन्ग ट्रांजैक्शन टाइम और हाई ट्रांजैक्शन फी के कारण ये पमेंट करने का कॉमन फॉर्म नहीं है.
बिटकॉइन को ट्रांजैक्शन को वैलिडेट करने में 10 मिनट लगते हैं. इसके साथ ही 20 डॉलर की ट्रांजैक्शन फीस भी लगती है. ये दोनों चीजें वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी को पेमेंट करने के लिए कम लोकप्रिय विकल्प बना रही है.

फिएट करेंसी से बिटकॉइन कैसे अलग है?

यह पूछे जाने पर कि डॉलर या किसी अन्य फिएट करेंसी से बिटकॉइन कैसे अलग है, लबौर ने कहा कि बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार की कंट्रोल नहीं हैं, जिसके कारण लोग कानूनी रूप से इसे भुगतान के साधन के रूप में स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं हैं.
हालांकि सेंट्रल अमेरिका का एल साल्वाडोर एकमात्र देश है जिसने हाल ही में बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अपनाने का फैसला लिया है.

बिटकॉइन में 21वीं सदी का सोना बनने की क्षमता

मैरियन लबौरे के अनुसार, लोगों ने हमेशा ऐसे एसेट की तलाश की है जिन पर सरकारों का नियंत्रण न हो. सदियों से सोने की यह भूमिका रही है.
अब बिटकॉइन में 21वीं सदी का सोना बनने की क्षमता है. सोने की तरह, बिटकॉइन में अपस्फीति गुण (deflationary properties) हैं.

बिटकॉइन और एथेरियम इतने अलग क्यों हैं?

बिटकॉइन स्पष्ट रूप से अग्रणी है, और सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टो है. इसका मार्केट कैप नंबर दो एथेरियम के मार्केट कैप से काफी बड़ा है. यदि बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड कहा जाता है, तो एथेरियम डिजिटल सिल्वर है.
हालांकि, फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पोलकाडॉट, सोलाना, बाइनेंस और कार्डानो जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी हैं जो अपने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के साथ एथेरियम को कड़ी टक्कर दे सकती हैं.

क्रिप्टो-करेंसीज के डिसएडवांटेज क्या हैं?

क्रिप्टो-करेंसियों का पहला डिसएडवांटेज रेगुलेशन की कमी है. रेगुलेशन की कमी कई निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग मार्केट में प्रवेश करने से हतोत्साहित करती है. दूसरा, क्रिप्टो का इकोलॉजिकल फुटप्रिंट विनाशकारी है.
हालांकि उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीकी विकास क्रिप्टो-करेंसियों को हरित बनने की अनुमति देगा. नियामक उपायों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2021 एक गेम चेंजर होगा और 2022 तक कई अर्थव्यवस्थाओं के पास एक मजबूत क्रिप्टो एसेट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क होगा.

क्या 5 वर्षों में बिटकॉइन और एथेरियम से अधिक मजबूत कोई क्रिप्टो होगी?

लबौरे ने कहा, नेटवर्क इफेक्ट की वजह से यह मेरे लिए बहुत ही असंभव लगता है. सबसे पहली होने की वजह से बिटकॉइन को एडवांटेज मिला और यह अब सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली और प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.
एथेरियम विभिन्न तरीकों से बाजार का नेतृत्व करता है क्योंकि ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में इसके कई प्रैक्टिकल एप्लीकेशन हैं, मुख्यतः DeFi और NFT प्लेटफार्मों में.

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो में क्या अंतर है?

क्रिप्टो के विपरीत, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पूरी तरह से केंद्रीकृत हैं, एक लीगल एनटीटी की ओर से जारी की जाती हैं और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क से बाउंड होती हैं.
इसके विपरीत, क्रिप्टो-करेंसी विकेंद्रीकृत होती हैं, जिसमें ट्रांजैक्शन लेजर सभी को दिखाई देता है.

क्या सीबीडीसी कैश या क्रिप्टो की जगह लेगा?

मुझे ऐसा नहीं लगता. सीबीडीसी, कैश और क्रिप्टो सह-अस्तित्व (coexist) में रहेंगे. कैश निश्चित रूप से गायब नहीं होगा, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भुगतान के साधन के रूप में इसमें गिरावट आएगी. अधिकांश G20 देश निजी क्रिप्टो-मुद्राओं पर कड़े नियम लागू करने की योजना बना रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों ने डिजिटल कैश इनिशिएटिव को कई गुना और तेज किया है.
Published - October 8, 2021, 02:59 IST