खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोल इंडिया के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि डीजल की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कंपनी के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने हाल में कंपनी की आय-व्यय संबंधी कंफ्रेंस कॉल में कहा, ‘समीक्षाधीन तिमाही में हमें लगभग 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि इस दौरान डीजल की कीमतों में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह 66-67 रुपये के दायरे में था और अब 89 रुपये के आसपास है. यह बड़ी वृद्धि है.’
कोल इंडिया अपनी डीजल से चलने वाली भारी मशीनरी को LNG से चलने वाले उपकरणों से बदलने और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान 1,500 इलेक्ट्रिक वाहनों को जोड़ने की योजना बना रहा है.
अग्रवाल ने यह भी कहा है कि कोल इंडिया की लागत बढ़ गई है. ऐसा कोई कारण नहीं है कि खनन क्षेत्र को कोयले की कीमत में वृद्धि नहीं करनी चाहिए.
कोल इंडिया अगले पांच साल के दौरान ढाई लाख टन के करीब कार्बन उन्मूलन के लिए प्रयास कर रही है. उसने CNB का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल शुरू करने से पहले गेल इंडिया के साथ कुछ खनन क्षेत्रों में शुरुआती परियोजना लगाने की भी पहल की है.