टाटा मोटर्स के तिमाही नतीजे सामने आने के बाद उसके शेयर 1.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 492.55 रुपये पहुंच गए. कंपनी का घाटा सितंबर तिमाही में बढ़कर 4,442 करोड़ रुपये हो गया. सालभर पहले की इसी तिमाही में इसे 314 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं, चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी को 4,451 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था.
टाटा मोटर्स का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू बढ़त के साथ 61,379 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 53,530 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कंपनी की 66,406 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी.
जैगुआर लैंड रोवर (JLR) का कारोबार ढीला पड़ने से कंपनी के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा. कोरोना महामारी के चलते चिप की कमी होने से उत्पादन में गिरावट आई है. कमोडिटी प्राइसेज बढ़ने से मार्जिन पर असर पड़ा है.
टाटा मोटर्स का प्रदर्शन बिगड़ने के बावजूद ब्रोकरेज स्टॉक्स को लेकर बुलिश हैं. आइए जानते हैं इनका क्या कहना है.
टाटा मोटर्स का Q2 में EBIDTA तिमाही आधार पर 23 प्रतिशत गिरा. हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि चिप शॉर्टेज अब जल्द खत्म हो जाएगी. इसे अच्छी मांग मिल रही है और ऑर्डर बुक मजबूत है. अगली जनरेशन की रेंज रोवर के लॉन्च के साथ JLR के वूल्यॉम में बढ़ोतरी होनी चाहिए. इसी के साथ रिकवरी, मार्केट शेयर और मार्जिन में भी तेजी देखने को मिलनी चाहिए.
टाटा मोटर्स में रिकवरी होनी चाहिए. इसे मैक्रो रिकवरी, कंपनी स्पेसेफिक वॉल्यूम और कैश फ्लो में तेज सुधार से फायदा मिलेगा. स्टॉक 15.2x FY23E के कंसॉलिडेटेड P/E और 4.1x EV/EBITDA पर ट्रेड कर रहा है.
दूसरी तिमाही में टाटा मोटर्स के ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस पर सेमिकंडक्टर की कमी और महंगाई के चलते असर पड़ा. JLR का EBIT मार्जिन तिमाही आधार पर घटा. मैनेजमेंट को उम्मीद है कि चिप की उपलब्धता धीरे-धीरे बढ़ेगी. दूसरी छमाही में JLR पॉजिटिव EBIT मार्जिन और FCF (फ्री कैश फ्लो) दर्ज कर सकती है.
(डिस्क्लेमर: आलेख में दिए गए सुझाव ब्रोकरेज ने दिए हैं. Money9 और उसके मैनेजमेंट इनकी जिम्मेदारी नहीं लेते हैं. निवेश करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें)
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