टेलीकॉम प्रमुख भारती एयरटेल (Airtel) ने मंगलवार को Q1FY22 के निराशाजनक नतीजे पेश किए हैं. अप्रैल-जून तिमाही के लिए भारती एयरटेल का प्रॉफिट पिछले वित्त वर्ष (Q4FY21) की अंतिम तिमाही में 759 करोड़ रुपये की तुलना में 62.7% घटकर 283.5 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले जून तिमाही में, भारती एयरटेल को AGR बकाया के लिए एकमुश्त प्रोविजनिंग के चलते 15,933 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था. पिछली अवधि में 510.1 करोड़ रुपये की तुलना में तिमाही में 834.5 करोड़ रुपये के उच्च कर व्यय के कारण कंपनी के निचले स्तर में क्रमिक गिरावट आई थी.
रिपोर्टिंग तिमाही के लिए भारती एयरटेल का रेवेन्यू 4.2% बढ़कर 26,853 करोड़ रुपये हो गया, जो कि Q4FY21 में 25,747 रुपये था. गोपाल विट्ठल, एमडी और सीईओ, गोपाल विट्ठल ने कहा, “जबकि हमारा वायरलेस राजस्व डिवाइस शिपमेंट के मामले में कोविड लॉकडाउन प्रेरित मंदी और बाजार के निचले छोर पर एक वित्तीय निचोड़ से प्रभावित था, हमारे समग्र प्रदर्शन ने हमारे पोर्टफोलियो की लचीलापन और ताकत को दर्शाया.”
जून तिमाही में, भारती एयरटेल ने प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व 146 रुपये प्रति उपयोगकर्ता प्रति माह दर्ज किया, जबकि पिछली तिमाही में यह 145 रुपये था.
परिचालन के मोर्चे पर, कंपनी ने पहली तिमाही के दौरान EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) 13,189 करोड़ रुपये दर्ज की, जबकि मार्जिन में सुधार होकर 49.1% हो गया. मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर भारती एयरटेल के शेयर 2.34% बढ़कर 578.4 रुपये पर बंद हुए.