Auto Company: ऑटो कंपनियों के संस्थागत शेयरधारक ( Institutional shareholders) और बोर्ड मेंबर्स व कंपनी के मैनेजमेंट के बीच इन दिनों काफी विरोध चल रहा है. कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर शीर्ष स्तर के अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव को लेकर संस्थागत शेयरधारकों और मैनेजमेंट के बीच टकराव की स्थिति बन चुकी है.
इस टकराव के बीच कंपनियों आयशर मोटर लिमिटेड ने 10 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. पिछले दो महीनों में, विदेशी संस्थानों और म्यूचुअल फंड सहित कई शेयरधारकों ने हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, बजाज ऑटो लिमिटेड और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्षों के पारिश्रमिक प्रस्तावों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है.
साल दर साल, बीएसई ऑटो इंडेक्स (BSE Auto Index) के 15 सदस्यों में से पांच ने अपने अध्यक्षों के पारिश्रमिक (remuneration) के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है. संस्थागत शेयरधारकों ने चार कंपनियों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों के सभी प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किया है.
भारत के सबसे बड़े दोपहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प ने 4 अगस्त को अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी पवन मुंजाल के वेतन में 10 फीसद की बढ़ोतरी लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी थी.
इस बढ़ोतरी की पेशकश प्रॉक्सी सलाहकार फर्म इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की तरफ से की गई थी. एफआईआई (FIIs), म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों सहित लगभग 78 फीसद बड़े शेयरधारकों, जिनके पास कंपनी का 55 फीसद हिस्सा है ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया.
इसी तरह, पुणे स्थित बजाज ऑटो के गैर कार्यकारी अध्यक्ष राहुल बजाज के वेतन में कंपनी बढ़ोतरी करना चाहती है, जिन्हें कंपनी 6 करोड़ रुपए सालाना वेतन के साथ एक लग्जरी घर, एक कार, देती है. फिलहाल राहुल अपना पद छोड़ चुके हैं.
इस मामले में भी आधे से अधिक संस्थागत शेयरधारकों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है. फिर भी, सामान्य प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, क्योंकि 92 फीसद शेयरधारकों ने पक्ष में मतदान किया है. बजाज परिवार के पास कंपनी का 53.7 फीसद हिस्सा है.
आईआईएएस (IIS) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा कि ऐसे समय में जब कर्मचारियों को कम वेतन वृद्धि मिल रही है या उनमें से कई अपनी नौकरी खो रहे हैं तब एक अध्यक्ष को बहुत अधिक वेतन मिलना यह शेयरधारकों के लिए परेशानी का सबब है.
आईआईएएस ने अपने शेयरधारकों को इनमें से प्रत्येक कंपनी के वेतन बढ़ोतरी प्रस्तावों के खिलाफ वोट देने का सुझाव दिया है. महामारी से तबाह हुए एक वर्ष में वाहन निर्माताओं के राजस्व में भारी गिरावट आई है, ऐसे में इस प्रस्ताव पर संस्थागत शेयरधारकों ने सख्त एतराज जताया है.
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