कोविड -19 महामारी के बाद से चले वर्क फ्रॉम होम के कल्चर से IT सेक्टर को काफी फायदा हुआ है. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और क्लाउड एडॉप्शन पर बढ़ते जोर ने प्रभावशाली अर्निंग ग्रोथ दी है. इस कारण IT शेयरों में बहुत अच्छी तेजी देखने को मिली है.
सेक्टर वाइज देखें तो निफ्टी IT इंडेक्स सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सेक्टोरल इंडेक्स में से एक रहा है. पिछले साल की तुलना में इसमें 88.29 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. इस दौरान निफ्टी 50 इंडेक्स में 53.83 फीसदी की तेजी आई है. इधर चल रही रैली के बावजूद यह सेक्टर मीडियम टर्म में फिर से रेटिंग के लिए तैयार है.
डिमांड में तेजी और ग्लोबल, डायवर्सिफाइड और क्वॉलिटी वेंडर्स की कमी देश के IT सेक्टर का मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद करेंगे. फिलिप कैपिटल को उम्मीद है कि IBM, DXC और कॉग्निजेंट द्वारा ग्लोबल IT लैंडस्केप में पैदा हुए कंन्फयूजन और कैप्टिव मॉडल से आउटसोर्सिंग मॉडल में क्रमिक बदलाव से सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.
गार्टनर के अनुसार, ग्लोबल IT सर्विसेज मार्केट में पिछले दशक में 3.2 पर्सेंट का CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) देखा गया है. वहीं भारतीय IT एक्सपोर्ट्स में 9.7 फीसदी (नैस्कॉम) देखा गया है. गार्टनर को उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों में ग्लोबल IT सर्विसेज नौ प्रतिशत CAGR खर्च करेंगी.
फिलिप कैपिटल की रिपोर्ट की मानें तो आने वाले समय में भी भारतीय IT कंपनियां समान आउटपरफॉर्मेंस गैप बनाए रख सकती हैं.
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में महामारी से मिले झटकों के बाद कंपनियां अपनी चतुराई के बल पर उबरने में कामयाब रही हैं. जहां बड़ी कंपनियों ने लिफ्ट और शिफ्ट क्लाउड माइग्रेशन डील्स जीती हैं, वहीं मिडकैप ने भी बड़ी डील्स के बाजार में जगह बनाना शुरू कर दिया है. ISG का अनुमान है कि इस प्रकार की डील्स आगे भी जारी रहने वाली हैं.
लार्ज और मिडकैप कंपनियों की मैनेजमेंट की टिप्पणियों से पता चलता है कि कम से कम स्पेशल स्किल्स के लिए IT सर्विसेज इंडस्ट्री की प्राइसिंग पावर वापस आ गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग एक दशक में पहली बार इंडस्ट्री के विकास ट्रैजेक्टरी को अतिरिक्त गति मिल सकती है.
फिलिप कैपिटल हमेशा से घरेलू IT-सर्विस कंपनियों को यूरोप से मिलने वाले मौकों को लेकर पॉजिटिव रही है. कोरोना ने इस अवसर को कुछ वर्षों के लिए बढ़ा दिया है. इसने यूरोपीय संघ के ग्राहकों को उस मूल्य प्रस्ताव का एहसास कराया है, जो भारत की IT सर्विसेज कंपनियां व्यापार निरंतरता, नए प्लेटफार्मों पर माइग्रेट करने की क्षमता और उनके उच्च सेवा मानकों के संदर्भ में प्रदान करती हैं.
विश्व स्तर पर IT सेवाओं की तीव्र मांग ने भारत में IT कंपनियों के लिए चुनौतियों को बढ़ा दिया है. इससे सैलरी में वृद्धि और मार्जिन्स में गिरावट आई है. फिलिप कैपिटल की राय है कि देश में इंजीनियरिंग प्रतिभा की भारी आपूर्ति, रेवेन्यू और एंप्लॉयी ग्रोथ के बीच घटते सहसंबंध पर वित्त वर्ष 2023 तक दबाव काफी कम हो जाना चाहिए.
फिलिप कैपिटल का मानना है कि कोई विकल्प न होने और FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) जैसे कारकों के साथ लिक्विडिटी से संचालित मौजूदा मूल्यांकन जारी रहेगा. एक रिपोर्ट की मानें तो मिड कैप अगले दो सालों तक लार्ज कैप के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार करना जारी रखेगा.
ब्रोकरेज फर्म लार्ज कैप IT में TCS (कीमत लक्ष्य 4,430 रुपये), इंफोसिस (मूल्य लक्ष्य 1,900 रुपये) पर खरीद की रेटिंग दे रहे हैं. जबकि मिडकैप सेगमेंट में यह माइंडट्री (कीमत लक्ष्य 4,330 रुपये), कोफोर्ज (कीमत लक्ष्य 6,510 रुपये), एमफैसिस (कीमत लक्ष्य 3,620 रुपये) और KPIT टेक (कीमत लक्ष्य 420 रुपये) जैसे शेयरों में तेजी की संभावना बता रहे हैं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख में सिफारिशें रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म द्वारा हैं. मनी 9 और उसके मैनेजमेंट उनकी निवेश सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं. कृपया निवेश करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें)
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।