अगले दो महीने यानी अक्टूबर-नवंबर में कंपनियों द्वारा इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के जरिये भारी-भरकम पूंजी जुटाने की उम्मीद जताई जा रही है. इस दौरान कम से कम 30 कंपनियां अपने शेयरों की बिक्री करके कुल 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटा सकती हैं. मर्चेंट बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि जुटाई गई पूंजी का बड़ा हिस्सा टेक्नोलॉजी बेस्ड कंपनियों के खाते में जाएगा.
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के सफल IPO ने नई टेक कंपनियों को IPO के लिए प्रोत्साहित किया है. जोमैटो के IPO को 38 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. एंजेल वन के उप-उपाध्यक्ष (इक्विटी रणनीतिकार) ज्योति रॉय ने कहा कि आमतौर पर जोमैटो जैसी कंपनियां प्राइवेट इक्विटी कंपनियों से पैसा जुटाती हैं. हालांकि IPO ने नए जमाने की टेक कंपनियों के लिए पैसे का एक नया सोर्स खोल दिया है.
मर्चेंट बैंकिंग के एक जानकार ने बताया कि जिन फर्मों द्वारा अक्टूबर-नवंबर के दौरान IPO के जरिये पैसा जुटाने की उम्मीद है, उनमें पॉलिसीबाजार (6,017 करोड़ रुपये), एमक्योर फार्मास्युटिकल्स (4,500 करोड़ रुपये), नायका (4,000 करोड़ रुपये), CMS इंफो सिस्टम (2,000 करोड़ रुपये), मोबिक्विक सिस्टम्स (1,900 करोड़ रुपये) आदि शामिल हैं. इसके अलावा नॉर्दर्न आर्क कैपिटल (1,800 करोड़ रुपये), इक्सिगो (1600 करोड़ रुपये), सैफायर फूड्स (1500 करोड़ रुपये), फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक (1,330 करोड़ रुपये), स्टरलाइट पावर (1,250 करोड़ रुपये), रेट गेन ट्रैवल टेक्नोलॉजी (1,200 करोड़ रुपये) और सुप्रिया लाइफ साइंस (1,200 करोड़ रुपये) भी इस अवधि के दौरान अपना IPO जारी कर सकती हैं.
एंजेल वन के रॉय ने कहा कि आने वाले महीने में कई बड़े IPO आने की एक वजह महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में उम्मीद से ज्यादा मजबूत सुधार भी है.
इन्वेस्ट 19 के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी कौशलेंद्र सिंह सेंगर ने कहा कि अगर बाजार की मौजूदा स्थिति बनी रही तो आने वाले साल में IPO बूम के बढ़ने की उम्मीद है.
ट्रू बीकन और जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत ने कहा कि अगर अगले 1-2 साल तक यही तेजी जारी रहती है, तो बड़ी संख्या में IPO मार्केट में आते रहेंगे .
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