कोरोना महामारी ने किसानों की हालत पतली कर दी है. सरकार ने मौजूदा एमएसपी पर खरीद बंद कर दी है. गुजरात में 22 लाख से अधिक किसानों को अप्रैल और मई में कृषि लोन चुकाना है. कोरोना के कारण वर्तमान में मार्केट यार्ड (APMC) बंद है. ऐसी स्थिति में, बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड पर ली गई रकम को नियत तारीख से पहले चुकाना किसानों के लिए मुश्किल है. किसानों की मांग है कि सरकार लोन पेमेन्ट अवधि बढ़ाए. अगर सरकार ने कर्ज चुकाने की अवधि को नहीं बढ़ाया तो किसानों को 7 फीसदी ब्याज देना होगा.
कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाने की मांग
भारतीय किसान संघ ने सरकार से मांग की है कि किसानों के लिए लोन रीपेमेंट की अवधि तत्काल प्रभाव से बढ़ाई जाए. किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष विठ्ठल दुधातरा ने कहा है कि सरकार ने पिछले साल मार्च में समय सीमा बढ़ाई थी जब कोरोना के कारण तालाबंदी लागू कर दी गई थी. इस साल भी संघ ने सरकार को कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. अप्रैल के पहले-दूसरे सप्ताह से, सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना और जीरा सहित विविध फसलो को खरीदना बंद कर दिया है.
ज्यादातर मंडिया बंद होने से बिक नहीं रही किसानों की फसल
गोंडल, ऊंझा और राजकोट सहित गुजरात के अधिकांश मार्केट यार्ड भी कोरोना के संक्रमण के कारण बंद हैं. निजी व्यवसाय भी बंद हैं. इसलिए किसानों के हाथ में नकदी नहीं है. दूसरी ओर, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत एक वर्ष के भीतर ऋण चुकाने पर ही 7% ब्याज माफी मिलती है. इस साल अप्रैल-मई में ऋण समाप्त हो गया क्योंकि सरकार ने इसे पिछले साल बढ़ाया. इसलिए, सरकार को 3 लाख रुपये तक की जीरो प्रतिशत लोन को नए साल में परिवर्तित करना चाहिए या तो कोरोना की स्थिति पूर्ववत न हो तब तक ऋण चुकाने अवधि की समयसीमा बढ़ानी चाहिए.
आप को बता दें की अप्रेल महीने से ही राज्य में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है. ऊंझा एक बहुत बड़ा मसाले का मार्केट है. गोंडल में मिर्च मार्केट के लिए प्रसिद्ध है. गोंडल की स्थिति ऐसी है की यहां खुले में मिर्च पड़ी है और कोई खरीदार नहीं है. ज्यादातर मार्केट यार्ड 30 अप्रैल तक बंद ही रहने वाले हैं.