बैंक में गिरवी पड़ी पुश्तैनी ज्वेलरी छुड़ाना होगा आसान, बदल रहे हैं नियम

ज्वेलरी गिरवरी रखकर लोन लेने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है, तो उसके वारिस को लोन चुकाकर गहने छुड़ाने का मौका मिलेगा

बैंक में गिरवी पड़ी पुश्तैनी ज्वेलरी छुड़ाना होगा आसान, बदल रहे हैं नियम

बैंक में गिरवी पड़ी पुश्तैनी गोल्ड ज्वेलरी को छुड़ाना अब आसान हो जाएगा. अंग्रेजी समाचार पत्र इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक इस तरह का नियम बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत ज्वेलरी गिरवरी रखकर लोन लेने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है, तो उसके वारिस आसानी से लोन को चुकाकर गिरवी रखी ज्वेलरी को छुड़ा सकें.

मौजूदा व्यवस्था के तहत भी वारिस गिरवरी रखी ज्वेलरी को छुड़वा सकता है लेकिन उसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है और कई तरह की चुनौतियां सामने आती हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि वारिस ज्वेलरी लेने से इनकार कर देता है और ऐसी स्थिति में बैंक को ज्वेलरी की नीलामी करनी पड़ती है. नई व्यवस्था में लोन लेने वाले से लोन देते समय ही पूछ लिया जाएगा कि उसके बदले कौन कर्ज लौटाकर ज्वेलरी को छुड़वा सकता है. ऐसा होने से वारिश को ज्वेलरी छुड़ाना आसान होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक कुछ बैंकों ने पहले ही उस व्यवस्था के तहत गोल्ड लोन देना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक इस व्यवस्था को लेकर कानूनी ढांचा नहीं होने की वजह से पूरे बैंकिंग सिस्टम में यह लागू नहीं है. पूर्व RBI डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने पिछले साल सुझाव दिया था, कि गोल्ड के बदले लोन लेने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है तो उसके कानूनी वारिश से संपर्क करके पूछा जाना चाहिए कि वह बैंक के साथ लोन को सेटल करना चाहता है या नहीं.

देश में गोल्ड ज्वेलरी के बदले लोन देने के कारोबार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से इस तरह की व्यवस्था की जरूरत पैदा हो गई है. बीते एक साल के दौरान देश में गोल्ड ज्वेलरी लोन कारोबार में 17 फीसद से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और ज्वेलरी के बदले आउटस्टैंडिंग लोन 1.02 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

Published - March 30, 2024, 03:11 IST