गुरुग्राम की आईटी कंपनी में काम करने वाले रोहित ने पिछले महीने क्रेडिट कार्ड से 51,500 रुपए खर्चे किए. इस बिल को चुकाने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल थी. रोहित ने 16 अप्रैल को 46,500 रुपए का भुगतान एक बैंक खाते से और 5000 का दूसरे खाते से कर दिया. उन्हें 22 तारीख को पता चला कि 5000 रुपए का ट्रांजेक्शन डिक्लाइन हो गया. उन्होंने तुरंत इसका भुगतान कर दिया. अब एक मई को बिल आया तो उसमें 2368 रुपए का ब्याज व जीएसटी जुड़ा हुआ है.
अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो रोहित के उदाहरण से जरूर सबक लेना चाहिए. महज 5000 रुपए का पेमेंट दो दिन लेट होने पर रोहित को 2368 रुपए ब्याज चुकाना पड़ा. यह तो महज बानगी है. क्रेडिट कार्ड कंपनियां ग्राहकों की जरा सी चूक और मजबूरी का बेजा फायदा उठाती हैं. इसके बावजूद देश में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इसमें कोई दोराय नहीं कि वित्तीय जरूरत पूरा करने के लिए अच्छा विकल्प है. पूरे महीने खर्च करके महीने के अंत में एक साथ भुगतान कर दीजिए. यही नहीं, इस बिल को चुकाने के लिए करीब 50 दिन तक का समय भी मिलता है… इस रकम पर कोई ब्याज नहीं वसूला जाता. लेकिन इस बात को अच्छी तरह से समझने की जरूरत है कि बैंक या कंपनी धर्मार्थ कोई काम नहीं करती है. अंततः कमाई ग्राहकों की जेब से ही की जाती है. बस, इन्हें ग्राहक की मामूली सी चूक या मजबूरी का इंतजार रहता है. इसी दौरान वह अच्छी-खासी कमाई कर लेते हैं.
कैसे करते हैं कमाई
जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तो उसे चुकाने के दो विकल्प मिलते हैं. इनमें एक न्यूनतम भुगतान का होता है. अगर आप इस विकल्प को चुनते हैं तो बाकी के बिल का भुगतान अगले महीने शिफ्ट हो जाता है. अगर आप पूरी बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो आपको इंटरेस्ट फ्री क्रेडिट पीरियड की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा. इस स्थिति में पूरी राशि पर खरीदारी के पहले दिन से ही ब्याज लगता है जो सालाना 48 से 60 फीसद होता है. अगर आप ऐसा लगातार करते हैं तो यह राशि बढ़ती चली जाती है. क्रेडिट कार्ड कंपनियां इसी एवज में सबसे ज्यादा कमाई करती हैं.
आजकल बड़ी संख्या में लोग एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड रखते हैं. अगर किसी कार्ड में बिल का एक भी रुपया बकाया रह जाता है तो पिछले बिल की पूरी राशि पर ब्याज और पेनाल्टी जुड़ती रहेगी. यह भी संभव कि इसमें कार्ड की सालाना फीस भी शामिल होती रहे. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड कंपनियां इस तरह के बकाया के लिए तभी दबाव डालती हैं जब यह रकम बड़ी हो जाती है. ऐसे में लोगों का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है. जब वह किसी लोन के लिए आवेदन करते हैं तो वह खारिज हो जाता है. लोन की जरूरत होने पर ग्राहक को अंततः क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना ही पड़ता है.
सेबी से सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर जितेन्द्र सोलंकी कहती हैं कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है. वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए यह अच्छा विकल्प है. लेकिन इसके पूरे बिल का समय पर भुगतान करते रहें. मिनिमम पेमेंट से बचने का पूरा प्रयास करें. अगर बकाया राशि बड़ी है और आप इसे एकमुश्त चुकाने में असमर्थ हैं तो उसकी ईएमआई बनवा लें. इससे कर्ज चुकाने में आसानी होगी. साथ ही ब्याज भी कम लगेगा.