कंगाल न बना दे लोन का ये ऑफर

अमित जैसों को बचाने के लिए RBI और गूगल नई सुरक्षा के नियम लेकर आई हैं ताकि आसान लोन का झांसा आपकी जिंदगी को मुश्किल न बनाए.

कंगाल न बना दे लोन का ये ऑफर

How to get loan easily pic: freepik

How to get loan easily pic: freepik

अमित डिजिटल लोन लेकर आईफोन खरीदने की योजना बना रहा है. उसका दोस्त संदीप बताता है कि इन लोन ऐप्स से लोन लेना कितना खतरनाक है? इनका ब्याज बहुत ऊंचा रहता है औऱ कई बार तो लोन चुकाने की देरी पर डेली इंटरेंस्ट और पेनाल्टी लेने लगते हैं.. इंस्टेंट के चक्कर में लोन ले लोगे लेकिन उसके बाद लोन पेमेंट में डिफॉल्ट किया तो फिर तो बुलिंग, ब्लेकमेलिंग और कई मामले तो ऐसे भी आएं हैं कि लोगों ने आत्महत्या तक कर लीं. यह सुनकर अमित हैरान हो जाता है.
कई फिनटेक कंपनियों के ऐसे ऐप आपको ऑनलाइन मिल जाएंगे जो आपको इंस्टेंट यानी फटाफट लोन देने के लिए तैयार रहते हैं. खासतौर पर जब अमित जैसे लोगों को अपनी पर्सनल जरूरत के लिए कम राशि का लोन चाहिए होता तो ये ऐप आसानी से लोन दे देते हैं. लेकिन इस आसानी की एक कीमत भी चुकानी पड़ती है. महंगा ब्याज, लेट पेनाल्टी और इसमें कई ऐसे प्लेयर भी शामिल रहते हैं जो लोन देकर उसकी वसूली का दवाब बनाकर ज्यादा वसूली करते हैं और एक लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन थोप देते हैं. अमित जैसों को बचाने के लिए RBI और गूगल नई सुरक्षा के नियम लेकर आई हैं ताकि आसान लोन का झांसा आपकी जिंदगी को मुश्किल न बनाए.

गूगल ने 2022 में नियमों का उल्लंघन करने वाले 3,500 से ज्यादा डिजिटल लोन ऐप्स को बैन किया था. लेकिन एक ऐप को बैन करते ही पांच नए ऐप लांच हो जाते थे. इसे रोकने के लिए अब गूगल नई सिक्योरिटी पॉलिसी लेकर आई है. इसके तहत लोन देने वाले ऐप यूजर्स का कॉन्टैक्ट नंबर, फोटो-वीडियो, कॉल लॉग्स, एक्सटर्नल स्टोरेज और लोकेशन का एक्सेस नहीं ले पाएंगे… भारत में गूगल प्ले स्टोर पर रजिस्टर्ड डिजिटल लेंडिंग ऐप्स कंपनियों को शपथ पत्र देना होगा. इसमें कर्ज देने से जुड़ी सभी शर्तें लिखी रहेंगी. साथ ही ऐप चलाने के लिए ज़रूरी दस्तावेजों की कॉपी भी गूगल के पास जमा करनी होगी. अगर RBI ने किसी ऐप को कर्ज देने के लिए अधिकृत किया है तो उसके लाइसेंस की कॉपी भी गूगल को देनी होगी. 31 मई 2023 से गूगल की ये नई नीति लागू हो चुकी है. इससे इन ऐप्स की मनमानी और यूजर्स के उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम कसने में मदद मिलेगी.

डिजिटल लोन ऐप्स का इतिहास
कोविड पैंडेमिक के दौरान भारत में ऐसे कई ऐप्स आए जिन्होंने इंस्टेंट लोन देकर खूब ग्राहक बटोरे. इन ऐप्स की पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जहां 2012 में डिजिटल लेंडिंग का बाजार केवल 9 अरब डॉलर का था, वहीं 2020 में यह 15 गुना से ज्यादा बढ़कर 150 अरब डॉलर का हो गया और 2023 के अंत तक इसके करीब 350 अरब डॉलर का होने का अनुमान है.

भारत में डिजिटल लेंडिंग का बाजार

साल मार्केट साइज (अरब डॉलर में)

2012 9
2020 150
2023 350 (अनुमानित)
Source: Statista

कैसे काम करते हैं अनरेगुलेटेड ऐप्स?
एक तरफ जहां डिजिटल लोन का बाजार तेजी से बढ़ा है, इससे जुड़ी दिक्कतें भी उतनी ही तेजी से बढ़ी हैं. बहुत सारे डिजिटल लोन ऐप्स रेगुलेटरी नियमों का पालन नहीं करते हैं. यानी वे अनरेगुलेटेड हैं. जरूरतमंद लोग इंस्टेंट लोन के चक्कर में अपना भला-बुरा सोचे समझे बिना इन ऐप्स को कई तरह के परमिशन दे देते हैं. जैसे कि लोन देने वालों ऐप डाउनलोड के वक्त फोनबुक और फोटो गैलरी की परमिशन मांगते हैं. इसके बगैर ऐप काम नहीं करेगा. यही है डिजिटल दादागिरी का आधार. फोटो का गलत इस्तेमाल और फोनबुक में आपके दोस्त, रिश्तेदार, मां-बाप से लेकर सास-ससुर और बॉस को मैसेज और कॉल की धमकी आपका चैन छीन सकते हैं. अब गूगल ने इस जानकारी को इकट्ठा करने पर ही नियम बनाएं हैं ताकि आपकी जानकारी गलत हाथों तक न पहुंचे.

क्या कहते हैं RBI के नियम?
सितंबर 2022 में रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेंडिंग के रेगुलेशन से जुड़े गाइड लाइंस जारी किए थे.. इसके मुताबिक ऑनलाइन कर्ज देने वाली कंपनियों को वसूली एजेंट का पैनल बनाना होगा. कर्ज मंजूर करते समय ही बैंक या वित्तीय संस्थान को वसूली एजेंट की सूची ग्राहक के साथ साझा करनी होगी. बताना होगा कि अगर ग्राहक समय पर लोन नहीं चुका पाता है तो उससे कब और कौन सा एजेंट वसूली के लिए संपर्क करेगा. यहां तक की वसूली एजेंट का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी भी ग्राहक के साथ साझा करनी होगी.. रिकवरी के दौरान एजेंट कर्जदार से कोई चार्ज नहीं वसूल सकेगा.. कर्ज की कैश में वसूली नहीं की जाएगी. लोन डिफॉल्ट होने पर कंपनियां ग्राहक से एक सीमा से अधिक पेनाल्टी नहीं वसूल पाएंगी.

किन बातों का रखें ध्यान?
इन प्लेटफॉर्म्स पर लोन का ब्याज तो ऊंचा होता है ही, साथ ही लोन लेते वक्त रेगुलेटेड और अन रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म का अंतर समझना जरूरी है. कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखेंगे तो लोन के नाम पर धोखे से बच पाएंगे. पहली बात इस तरह के लोन RBI रजिस्टर्ड लेंडर से ही लेना चाहिए.. RBI की वेबसाइट पर आपको पंजीकृत बैंक और नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की लिस्ट मिल जाएगी.. वैसे वित्तीय संस्थानों से ही लोन लें जो आरबीआई में रजिस्टर्ड हैं.. जिस कंपनी से लोन ले रहे हैं उसकी आधिकारिक वेबसाइट और फिजिकल एड्रेस यानी पता ठिकाना चेक करें.. और सबसे जरूरी बात बिना अग्रीमेंट के लोन कभी न लें. बगैर लोन अग्रीमेंट वाले लोन का मतलब हुआ कि कहीं भी इस बात का लिखित प्रूफ ही नहीं है कि लोन किस दर पर दिया जा रहा है, लोन रिपेमेंट की देरी में कितनी पेनल्टी लगेगी और लोन कितना चुकाना है. सरकार और गूगल तो नियम बना रहे हैं लेकिन खुद भी आपको अपने स्तर पर इन प्लेटफॉर्म को लेकर फिल्टर लगाना जरूरी.

Published - June 14, 2023, 09:23 IST