ओयो होटल्स एंड होम्स की ओर से आईपीओ लाने का प्लान थोड़े समय के लिए टल सकता है. कंपनी जल्द ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए जमा किए ड्राफ्ट आवेदन वापस ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओयो ने अगले छह से आठ महीनों में नकदी जुटाने के लिए कई निवेशकों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. अभी कंपनी की प्लानिंग निजी तौर पर निवेशकों से पैसा जुटाना है.
बता दें कंपनी ने पहली बार अक्टूबर 2021 में आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे और सेबी ने उन्हें जनवरी 2023 में वापस कर दिया था. साथ ही ओयो से उन्हें संशोधन करके दोबारा दाखिल करने के लिए कहा था. अप्रैल 2023 में संशोधित मसौदा दायर किया गया, जो 1.2 बिलियन डॉलर के मूल प्रस्ताव से 40-60 प्रतिशत छोटा था. हालांकि आईपीओ योजना पर अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. कंपनी को वैल्यूएशन में कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है. सॉफ्टबैंक, जिसके पास कंपनी की लगभग 46 प्रतिशत हिस्सेदारी है उसने 2022 में अपना मूल्यांकन पहले के 3.4 बिलियन डॉलर से घटाकर 2.7 बिलियन डॉलर कर दिया था.
कंपनी के ग्रोथ की जताई उम्मीद
ओयो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितेश अग्रवाल ने पहले जानकारी दी थी कि कंपनी ने 2023-24 की तीसरी तिमाही में 30 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया और इसके और बढ़ने की उम्मीद है. Oyo का संचालन करने वाली Oravel Stays Ltd ने Q2FY24 में 16 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ के साथ अपनी पहली फायदेमंद तिमाही दर्ज की. अग्रवाल ने कर्मचारियों से यह भी कहा था कि आने वाली तिमाहियों में कंपनी पीएटी में लगातार वृद्धि की उम्मीद कर रही है. ये ग्राहकों के बढ़े हुए विश्वास, बेहतर ग्राहक अनुभव और निरंतर विकास के लिए बेहतर बाजार स्थितियों को दिखाता है.
कंपनी का प्रदर्शन
रितेश अग्रवाल ने कर्मचारियों को यह भी बताया कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 750 करोड़ रुपए का कुल एबिटा हासिल किया है और वित्त वर्ष 2024 में 1,000 करोड़ रुपए का एबिटा हासिल करने की उम्मीद है. पिछले साल ओयो ने बायबैक प्रक्रिया से 1,620 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया था, जिसमें कंपनी के बकाया टर्म लोन बी (TLB) का 30 प्रतिशत दोबारा खरीद शामिल था.
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