Investment: आपके निवेश के सफर में कई ऐसे पड़ाव आएंगे जब आपको परिपक्वता दिखाकर आगे बढ़ना होगा. निवेश के सफर में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन पर निवेशक ध्यान नहीं देना चाहिए. जो निवेशक फिजूल की चीजों पर ध्यान देते हैं वे पीछे रह जाते हैं, वहीं जो निवेशक केवल अपने टारगेट को हासिल करने और रिस्क को कम करने पर ध्यान देते हैं वे सफल होते हैं.
चार्ली मुंगेर, पीटर बर्न्सटीन, बेंजामिन ग्राहम, पीटर लिंच जैसे दिग्गज इनवेस्टर्स की बातों का निचोड़ यही है कि निवेश के गेम में सफल होने के लिए दिमाग की नहीं बल्कि धैर्य की जरूरत पड़ती है. तो आइए समझते हैं कि समृद्ध निवेशक बनने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
कहां ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए
उन चीजों पर ध्यान केंद्रित नहीं करें जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते, जैसे देश की GDP, विदेश नीति, इलेक्शन के रिजल्ट, अर्थतंत्र के सर्वे, आंकड़े, मार्केट के उतार-चढ़ाव वगैरह. ये सारी चीजें समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए उन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित न करें, इससे आपको कोई मदद नहीं मिलेगी.
बाकी लोग क्या कर रहे हैं उसकी चिंता न करें क्योंकि उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मंदी, राजनीतिक अस्थिरता, बाजार की भारी गिरावट, नकारात्मक समाचार जैसी चीजों पर ध्यान न दें. जब आप निवेश का सफर शुरू करते हैं तो रास्ते में ऐसे कई मौके आते हैं जब लोग निवेश से दूर हो जाते हैं, लेकिन ऐसे वक्त में आपको धैर्य और दृढ़ता दिखानी चाहिए.
कहां ध्यान केंद्रित करना चाहिए?
उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे सेविंग, एसेट एलोकेशन, अनुशासन, व्यवहार वगैरह. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन चीजों को आप नियंत्रण में रख सकते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करने से आप रिस्क को काफी हद तक दूर रख सकते हैं, लेकिन आप उन क्षेत्रों या चीजों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां आपका नियंत्रण नहीं है तो आप बिना मतलब के जोखिम को आमंत्रित करते हैं.
लंबे समय तक निवेश करने के लिए काफी धैर्य की जरूरत होती है. आपको अपने निवेश सलाहकारों के साथ चर्चा करनी चाहिए. आप जितना धैर्य दिखाएंगे और लंबे समय तक निवेश करते रहेंगे उतनी ही ज्यादा परिपक्वता आपमें विकसित होगी.
बुद्धिमान इंसान अच्छा निवेशक होता है ये मानना बड़ी गलती है. धैर्यवान होना ज्यादा जरूरी है. आपमें अपरिपक्व और अतार्किक भावनाओं को नियंत्रण में रखने का गुण होना जरूरी है तो ही आप निवेश की राह में सफलतापूर्वक आगे बढ़ते रहेंगे.
रिटर्न पर नहीं रिस्क कम करने पर ध्यान दें
रिटर्न का पीछा करने पर ध्यान केंद्रित न करें बल्कि रिस्क का प्रबंधन करने का प्रयास करें क्योंकि यह आपके नियंत्रण में है. रिटर्न आपके नियंत्रण में नहीं है. इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट का सार रिटर्न का मैनेजमेंट करने में नहीं बल्कि रिस्क का मैनेजमेंट करने में है.
जब कोई निवेशक किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करता है तो वह मीडिया या रेटिंग एजेंसी की रेटिंग के आधार पर उसका चयन करता है. लेकिन इसके पीछे के तथ्य और तर्क की जांच नहीं की जाती है.
निवेश करते करते आप जो बातें सीखते हैं, उन्हें एप्लाई भी करते रहें. लगातार सीखना सफल निवेशक की पहचान है. अपने दैनिक कामों के साथ निवेश के साथ जुड़े पहलू के बारे में भी थोड़ा-बहुत सीखते रहें, इससे समय के साथ आप सफल निवेशकों की सूची में भी शामिल हो सकते हैं.