अगर आपने छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में निवेश कर रखा है तो ये खबर आपके काम की है. 30 जून को एक अहम बैठक होने जा रही है. इस दिन अगली समीक्षा की तारीख है, जिसमें छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) जैसे पीपीएफ, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स या फिर सुकन्या समृद्धि की ब्याज दरों में सरकार कटौती कर सकती है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार ब्याज दरों में कटौती इसलिए कर सकती है क्योंकि ग्रोथ की लय को वापस पाने के लिए वित्तीय और मौद्रिक दोनों तरह के सपोर्ट की जरूरत है. छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में कटौती से सरकार की उधारी की लागत कम हो जाएगी, जिससे इकोनॉमी को सहारा मिलेगा. रिजर्व बैंक और बैंक्स दोनों ही ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में हैं. ऐसा होने पर इन योजनाओं पर आने वाले दिनों में आपको कम ब्याज मिलेगा.
बता दें कि इसके पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले 31 मार्च को छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती कर दी गई थी, लेकिन उसके अगले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फैसले को एक भूल बताते हुए वापस ले लिया था.
सुकन्या समृद्धि स्कीम पर अभी 7.6% ब्याज मिल रहा है. जबकि सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर 7.4%, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर 7.1%, किसान विकास पत्र पर 6.9%, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8% और मासिक इनकम अकाउंट पर 6.6% ब्याज मिल रहा है. छोटी स्कीम पर ब्याज दरों की हर तिमाही में समीक्षा होती है. इस चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की समीक्षा जून में होगी.