कितनी तरह के होते हैं हाइब्रिड फंड, आपके लिए कौन सा फंड सही है?

hybrid funds: म्यूचुअल फंड की हाइब्रिड केटेगरी विभिन्न प्रकार के निवेशकों को अपनी ज़रूरत के आधार पर पोर्टफॉलियो बनाने की सुविधा देती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 13, 2021, 03:42 IST
keep these things in mind before investing in passive funds

Hybrid Funds: म्यूचुअल फंड में हाइब्रिड फंडों ने अच्छा प्रदर्शन जारी रखा है. निवेशकों ने हाइब्रिड फंडों में जून में 27,220 करोड करोड़ रुपये और जुलाई में 19,481.07 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. हाइब्रिड स्कीम्स दो या दो से ज्यादा परिसंपत्ति श्रेणियों में निवेश करती हैं जिससे निवेशक को इनका दोहरा लाभ मिल सकता है. हाइब्रिड फंड्स 6 प्रकार के होते है. कुछ स्कीम्स दो परिसंपत्तियों जैसे इक्विटी और डेट में निवेश करती हैं, कुछ हैं जो इक्विटी, डेब्ट और गोल्ड में निवेश करती हैं. हालांकि, ज्यादातर लोकप्रिय हाइब्रिड योजनायें इक्विटी और डेट में निवेश करती हैं.

Mirae Asset के CEO स्वरूप मोहंती बताते हैं कि नए निवेशकों के लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक अच्छा निवेश है क्योंकि इक्विटी और डेट दोनों में निवेश होने से जोखिम कम हो जाता है. अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट ओवरऑल रिटर्न को बैलेंस कर सकता है और अगर डेट में केस बिगड़ता है, तो इक्विटी मदद करती है. याद रहे, निवेश के पहले स्पष्ट उद्देश्य होना परम आवश्यक है.

(1) एग्रेसिव हाइब्रिड फंड:

हाइब्रिड फंड की यह श्रेणी की स्कीम इक्विटी में 75% तक और शेष डेट या अन्य परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करती है. जुलाई में हाइब्रिड फंड्स की एग्रेसिव केटेगरी में सबसे ज्यादा निवेश आया है.

किसके लिए सही हैः इक्विटी पोर्टफोलियो में समय के साथ पूंजी वृद्धि और लाभांश के माध्यम से बेहतर रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता है, लेकिन जोखिम ज्यादा है इसलीए जिनकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है, उनके लिए यह केटेगरी अच्छी है. कम से कम तीन या पांच साल के लिए ही इसमें निवेश करना चाहिए.

(2) कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड:

एक कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड केवल 10-25% शेयर बाजारों में निवेश करता है. शेष हिस्से को डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है जिसमें कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर शामिल हैं.

किसके लिए सही हैः ऋण निवेश का उद्देश्य कूपन भुगतान से नियमित और स्थिर आय प्रदान करना है. यदि आप मध्यम रिटर्न की उम्मीद वाले और जोखिम से बचने वाले निवेशक हैं, तो 2-3 साल के लिए हाइब्रिड फंड की यह श्रेणी आपके लिए अनुकूल होने की संभावना है.

(3) बैलेंस्ड हाइब्रिड फंडः

इस कैटेगरी स्कीम्स इक्विटी में 50% और डेट में 50% निवेश करती है.

किसके लिए सही हैः यदि आप नए निवेशक है तो आपके लिए यह बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें निवेशक को वृद्धि और स्थिरता का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है. आपको कम से कम तीन साल के लिए इसमें निवेश बनाए रखना चाहिए.

(4) आर्बिट्रेज फंड:

आर्बिट्रेज फंड दो अलग-अलग एक्सचेंजों पर या दो अलग-अलग बाजारों (नकद और डेरिवेटिव बाजार) के बीच स्टॉक के मूल्य अंतर का लाभ उठाते हैं. कोई स्टॉक मार्केट जोखिम नहीं है क्योंकि फंड मैनेजर को स्टॉक की खरीद और बिक्री मूल्य के बारे में पता होता है. एक आर्बिट्राज पोजीशन बनाकर, फंड मैनेजर यह सुनिश्चित करता है कि दोनों बाजारों के बीच फैलाव पर कब्जा कर लिया जाए और यह निवेशक के लिए रिटर्न में तब्दील हो जाए.

किसके लिए सही हैः 1-3 साल के निवेश के लिए अच्छा विकल्प है. इक्विटी कराधान के लाभ के साथ, एक आर्बिट्राज फंड शॉर्ट टर्म सरप्लस लिक्विडिटी को पार्क करने और अच्छा रिटर्न अर्जित करने के लिए पसंद किया जा सकता है.

(5) इक्विटी सेविंग फंड:

इस कैटेगरी से आपको इक्विटी, डेट और आर्बिट्रेज का एक मिश्रण मिलता है, इसलिए पोर्टफॉलियो में विविधता लाने के लिए अच्छा विकल्प है. इसमें इक्विटी और आर्बिट्रेज पोजीशन में न्यूनतम 65% और निश्चित आय के साधनों में शेष राशि निवेश की जाती है.

किसके लिए सही हैः इसमें इक्विटी निवेश को आंशिक रूप से हेज किया जाता है और आपके लिए नियमित आय उत्पन्न करने पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है. दो-तीन साल की अवधि के लिए यह बेहतर विकल्प है.

(6) डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड:

इसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड भी कहते हैं, जो कुछ पूर्व-परिभाषित वैल्यूएशन मापदंडों के आधार पर इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के बीच आवंटन को बढ़ाते/घटाते हैं. बाज़ार की तेज़ी के वक्त इसमें प्रोफिट बूक किया जाता है और करेक्शन के वक्त अधिक निवेश किया जाता है.

किसके लिए सही हैः 3 साल से ज्यादा अवधि तक निवेश करने से बेहतर फायदा मिलता है. यदि निवेशक बाजार में टाइमिंग से बचना चाहते हैं और कम अस्थिरता के साथ उचित रिटर्न अर्जित करना चाहते है तो ये विकल्प अच्छा है. इससे इक्विटी और निश्चित आय के साधनों के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलती है.

Published - August 13, 2021, 03:42 IST