म्यूचुअल फंड की तरह ही आप सीधे शेयरों में भी खुद SIP कर सकते हैं. SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. जैसे आप म्यूचुअल फंड में हर महीने एक तय राशि निवेश के लिए रखते हैं, वैसे ही इस तय रकम से आप सीधे शेयरों में खरीदारी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में एक SIP से आप कई शेयरों में निवेश करते हैं और आपको युनिट्स अलॉट की जाती हैं. ठीक ऐसे ही आप कोई एक कंपनी चुनकर या अलग-अलग शेयरों का एक बास्केट बनाकर हर महीने एक तय तारीख को निवेश कर सकते हैं.
SIP के जरिए आप निवेश करेंगे तो बार-बार बाजार की चाल पर नजर रखने की झंझट नहीं रहेगी. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं और इक्विटी में निवेश का जोखिम रखते हैं तो आप सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं. अगर आपके पास ढेर सारे शेयर खरीदने के लिए एकमुश्त रकम नहीं है या आप एक ही बार में सारा पैसा नहीं लगाना चाहते तो आप अच्छी वैल्यू और ग्रोथ वाली कंपनियों में SIP एक्टिव करके छोटी रकम में निवेश कर सकते हैं.
इक्विटी शेयरों में SIP के दो तरीके हैं – या तो आप एक तय रकम की SIP करें या तय शेयरों की. आप हर महीने 5 शेयर खरीदने की SIP चालू कर सकते हैं और उस हिसाब से जितनी रकम बनेंगी वो खाते से कट जाएगी. जिस तारीख की SIP है अगर उस दिन छुट्टी होती है तो उसके अगले वर्किंग दिन ये ट्रांजैक्शन होगा.
अगर आपके पास पहले से डीमैट खाता है तो इसके लिए नया खाता खुलवाने की जरूरत नहीं है. लेकिन, अगर अब तक आपके पास डीमैट खाता नहीं, तो मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के पास आपको खाता खुलवाना होगा जहां आपके खरीदे शेयर डीमैट में स्टोर होंगे. ज्यादातर ब्रोकरेज ऑनलाइन आसानी से डीमैट खाता खुलवा रहे हैं. गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में SIP के लिए डीमैट की जरूरत नहीं होती.
डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा की वेबसाइट के मुताबिक, SIP फीचर के लिए आप एक बास्केट बनाकर SIP कर सकते हैं. आपने जो SIP चुनी है उसमें भी बदलाव करने, उसे रोकने या उसे बंद करने का विकल्प मिलेगा. ध्यान रहे कि आप SIP को शेयर बाजार के कारोबारी समय के बीच ही शेड्यूल करवा सकते हैं जो सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक है. वहीं, म्यूचुअल फंड SIP में अलॉटमेंट एक दिन पहले की NAV (नेट एसेट वैल्यू) पर होता है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज भी DIY SIP की सुविधा है. इसके लिए आपको अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग-इन कर DIY SIP टैब पर जाना होगा और एक नया SIP बास्केट बनाना होगा. ये काम ऑफलाइन भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए फॉर्म भरकर भेजना होगा.
एक बास्केट में आप किसी एक कंपनी के शेयर में SIP की रकम और शेयरों की संख्या में अलग अलग रख सकते हैं लेकिन एक बास्केट के लिए ट्रांजैक्शन की तारीख एक ही होगी. अगर आप अलग-अलग तारीख को ये ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए अलग बास्केट बना सकते हैं.
ध्यान रहे कि SIP से कॉस्ट एवरेजिंग होती है लेकिन आप मार्केट टाइम नहीं कर पाएंगे. कॉस्ट एवरेजिंग यानि, बाजार के उतार-चढ़ाव और आपके निवेश के मुताबिक शेयरों का औसत भाव तय होता जाएगा. हो सकता है कि आपकी एक महीने की खरीदारी की तारीख पर शेयर में उछाल रहा हो तो वहीं दूसरी तारीख पर गिरावट – इस तरह आपको एक औसत भाव पर शेयर मिलेंगे. दूसरी तरफ मार्केट टाइमिंग में आप तब खरीदारी करते हैं जब आपको लगता है कि शेयर निचले भाव पर ट्रेड कर रहा है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।