सेकेंडरी बॉन्ड मार्केट में निवेश की ये हैं 3 शानदार स्ट्रैटेजी

सेकेंडरी बॉन्ड मार्केट में निवेश से अधिक रिटर्न कमाने के लिए सिक्योर्ड बॉन्ड का चयन करने के साथ साथ सही रणनीति चुननी भी जरूरी है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 31, 2021, 08:10 IST
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Bond Investment Strategies: सेकेंडरी बॉन्ड मार्केट में निवेश के लिए कई प्रकार की रणनीतियां इस्तेमाल की जाती हैं. किसी भी अन्य निवेश की तरह, आपको बॉन्ड में निवेश का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि क्या निवेश आपको अपेक्षित परिणाम दे रहा है. इसके लिए आप आप कुछ पुख्ता रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं. सही रणनीति से आपको न्यूनतम जोखिम के साथ नियमित आय प्राप्त करने और अपने लक्ष्यों तक तेजी से पहुंचने में मदद मिल सकती हैं. आप बॉन्ड को कितना समझते हैं और कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं उस आधार पर रणनीति का चयन करना चाहिए. हम सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली निवेश रणनीतियों में से 3 रणनीतियों के बारे में बात करेंगे.

(1) बॉन्ड लैडर (Ladder) रणनीतिः

इसमें अलग-अलग मैच्योरिटी वाले कई बॉन्ड में समान राशि निवेश की जाती हैं. ये रणनीति आपको नियमित अंतराल पर निवेश करने की अनुमति देती है, बदले में ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के जोखिम और पुनर्निवेश जोखिम को कम करती है.

उदाहरणः आपके पास 5 लाख रुपये हैं, जिसे आप 5 बॉन्ड में समान (प्रत्येक में 1 लाख रुपये) निवेश करते हैं. प्रत्येक बॉन्ड की अवधि हर दो साल बाद समाप्त होती हैं. यानि, हर दो साल के बाद आपको एक बॉन्ड का निवेश वापस मिलता हैं, जिसका उपयोग आप नए बॉन्ड में या दूसरी एसेट में निवेश के लिए कर सकते हैं.

किसके लिए सही हैः न्यूनतम जोखिम लेने की क्षमता वाले नए बॉन्ड निवेशकों के लिए यह एक अच्छी रणनीति है और वरिष्ठ नागरिकों और गृहणियों या स्थिर रिटर्न की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए आदर्श है.

(2) बारबेल (Barbell) रणनीति

बारबेल रणनीति तब होती है जब आप अपनी निवेश राशि को बिना किसी मध्यस्थ बॉन्ड के शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स के बीच समान रूप से विभाजित करते हैं. लंबी अवधि के निवेश उच्च कूपन दरों वाले बॉन्ड में होते हैं, जबकि शॉर्ट-टर्म बॉन्ड से आपको बॉन्ड बाजार में मंदी की स्थिति में पुनर्निवेश का अवसर मिलता हैं.

यह रणनीति तब उपयोगी होती है जब ब्याज दरें बढ़ रही हों. यह रणनीति तरलता और आपात स्थिति को पूरा करने का प्रावधान प्रदान करती है. इस रणनीति में निवेशक को शॉर्ट अवधि में परिपक्व होने वाले निवेशों को लगातार बदलते रहना होगा.

(3) बॉन्ड स्वैप (Bond Swap) रणनीति

जब आप एक बॉन्ड बेचते हैं और तुरंत दूसरे बॉन्ड में राशि का निवेश करते हैं, तब बॉन्ड स्वैप कहा जाता हैं. यह आमतौर पर तब किया जाता है जब आपने जिस बॉन्ड में निवेश किया है उसका मूल्य कम हो गया है, जबकि बाजार में निवेश के लिए कई और उच्च प्रदर्शन वाले बॉन्ड उपलब्ध है.

बॉन्ड बेचते समय आपको नुकसान हो सकता हैं, लेकिन दूसरे बॉन्ड में निवेश करने से अच्छे रिटर्न की संभावना बहुत अधिक रहती है. इस सेगमेंट को अच्छी तरह से समझने वाले पेशेवर बॉन्ड निवेशकों के लिए बॉन्ड स्वैप रणनीति आम हैं.

Published - August 31, 2021, 08:10 IST