वैसे तो जीवन के प्रत्येक पड़ाव पर फाइनेंशियल प्लानिंग (financial planning) करना आवश्यक है, लेकिन जब पूरा परिवार आप पर निर्भर हो तब ये प्लानिंग ज्यादा ही अहम हो जाती है. आप कमाई के साथ-साथ बजट बनाने, सेविंग्स, इनवेस्टमेंट और इंश्योरेंस का ध्यान रखेंगे तो अच्छे से प्लानिंग (financial planning) कर पाएंगे. इस सफर में अगर आप आर्थिक सलाहकार की मदद लेंगे तो अपने परिवार को सुरक्षा के साथ साथ समृद्धि भी दे सकेंगे.
सर्टिफाईड फाइनेंशियल प्लानर सलिल पाठक बताते हैं, “अपने परिवार को वित्तीय रूप से अनुशासित बनाने के लिए उनके साथ थोड़ा समय बिताने से बहुत बड़ा फर्क पड़ता है. इसमें बच्चों को शामिल करने के लिए आप मजेदार गेम खेल सकते हैं और एक्टिविटीज कर सकते हैं.” अपने परिवार को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए आपको कुछ आदतें अपनानी पड़ेंगी.
जानकारों की बात मानें
जो लोग वित्तीय रूप से मजबूत हैं उनकी सलाह का पालन करें. जैसे कि वॉरेन बफेट कहते हैं, पहले बचत करें, फिर खर्च करें. यह सलाह अपने साथ-साथ बच्चों पर लागू हो ऐसी आदत डालें. आप जैसी आदतें रखेंगे, बच्चे भी उसी से सीखते हैं.
आप फाइनेंस से जुड़ी अच्छी आदतें व्यवहार में लाएंगे तो बच्चों के लिए अच्छा उदाहरण बन पाएंगे. परिवार में 50-30-20 रूल का पालन करने की आदत डालें, जिसमें कुल आय का 50 फीसदी जरूरतों पर, 30 फीसदी इच्छाओं पर और शेष 20 फीसदी बचत के लिए खर्च करें.
मनी की बात करें
परिवार के साथ सिर्फ मन की नहीं, मनी की बात करना भी जरूरी है. आपकी आय, खर्च, वित्तीय साधन, भविष्य में आने वाले खर्चे जैसे पहलू पर सभी सदस्यों की राय जाने और कौन कितना सहयोग कर सकता है उसके लिए बात करें.
परिवार के हरेक सदस्य की जरूरतों को समझें. बच्चे क्या चाहते है, उन्हें कौन सा कोर्स करना है, माता-पिता को कौन सी धार्मिक जगह पर जाना है जैसे पहलू पर बात करने से आप खर्चो का अंदाज निकाल पाएंगे. छोटे से छोटे खर्चों या आय पर चर्चा करने से परिवार की वित्तीय स्थिति पर बहुत फर्क पड़ सकता है.
बजट बनाएं और उस पर टिके रहें
बजट तो हर कोई बना लेता है, लेकिन उसके हिसाब से चलना जरूरी है. बजट बनाकर उस पर टिके रहें. आपका परिवार भी इस बजट के लिए प्रतिबद्ध रहे ये सुनिश्वित करने की जिम्मेदारी आपकी है. आपको हर महीने जो वेतन मिलता है या अन्य किसी जरिये से आपको आय हो रही है तो इन सभी की पहचान कर लें.
परिवार के सभी सदस्यों के खर्च की लिस्ट बनाएं और फिजूल के खर्चों को कम करने की कोशिश करें. खाने-पीने का खर्च, बिजली, पानी, मोबाइल, इंटरनेट, पेट्रोल, रेंट, EMI जैसे खर्च से निपटने के लिए बजट पर चलना जरूरी है.
टेक्नोलॉजी अपनाएं
यदि आप बिल या किस्त का भुगतान करने में अनुशासन नहीं रख सकते तो बेहतर है कि उसे ऑटो मोड पर रख दें. मोबाइल, इंटरनेट, बिजली जैसी जरूरतों का बिल चुकाने के लिए बैंक के ऑटो विकल्प की सहायता लेनी चाहिए. सेविंग्स के लिए आप म्यूचुअल फंड में SIP में पैसा लगा सकते हैं. ऐसा करने से सेविंग में अनुशासन आएगा और बच्चों मे भी ये आदत विकसित होगी.
हम साथ-साथ हैं
संयुक्त निवेश की योजना (financial planning) बनाएंगे तो अपने पारिवारिक बंधनों को और भी मजबूत कर पाएंगे. उदाहरण के लिए, आप पत्नी के साथ संयुक्त रूप से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. माता-पिता को भी उनके निवेश के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं. उनके लिए एफडी करके और हेल्थ प्लान लेने से आप टैक्स भी बचा सकते हैं.