ऐसा लगता है कि सोना अपनी चमक खो रहा है क्योंकि इसकी कीमत लगातार पांच सप्ताह के निचले स्तर पर आकर कारोबार कर रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कीमती धातु की कीमतों में गिरावट के चलते 17 सितंबर को दिल्ली में सोने की कीमत 1,130 रुपये की गिरावट के साथ 45,207 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई. वास्तव में सोना इस सप्ताह 40 डॉलर की तेज गिरावट के बाद एक महीने के निचले स्तर 1,760 डॉलर के आसपास मंडरा रहा है, जो दो महीनों में सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट है. यह गिरावट अमेरिकी रिटेल संख्या के मजबूत होने के कारण आई है जिसने अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिए हैं. यूएस जॉब डेटा ने भी 10 साल के ट्रेजरी यील्ड को उठाने में मदद की है.
अनिश्चितता के दौर में सोने ने पारंपरिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है जो अर्थव्यवस्था के सकारात्मक बदलाव का संकेत होने के साथ ही इक्विटी जैसे एसेट पर फोकस भी कर रहा है. भारतीय बाजार रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रहे हैं और हाल ही में मार्केट कैपिटलाइजेशन को लेकर फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए छठा सबसे बड़ा बाजार भी बन गया.
2021 में अब तक सोने की कीमत में नकारात्मक रिटर्न दर्ज हुआ है. साल 2019 और 2020 से तुलना करें तो उस दौरान यह रिर्टन क्रमशः 10 और 21 फीसदी था लेकिन इस साल यह आठ फीसदी गिरा है. साल की शुरुआत में सोने की कीमत निगेटिव नोट पर थी. हालांकि कोरोना महामारी की मार झेल रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने और बड़े पैमाने पर टीकाकरण के जरिए निवेश में सुधार हुआ है.
इस पर सभी की निगाहें हैं कि अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक में क्या फैसला हो सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में तेजी जारी रहती है, तो सोना की कीमत में एक और गिरावट हो सकती है. ऐसे में यह सवाल भी है कि क्या निवेशकों को अपने नजदीकी सोने के स्टोर में जाना चाहिए? उपभोक्ता सस्ता सोना खरीदने में रुचि रखते हैं लेकिन समस्या यह है कि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने के साथ ही लोग निवेश निर्णयों को स्थगित करने लगे हैं. अब लोग फिर से यात्रा, खरीदारी और बाहर खाने पर अधिक खर्च कर रहे हैं, जिससे उनके हाथ में पैसा कम बच रहा है.
उम्मीद के मुताबिक निकट भविष्य में सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है. हालांकि घरेलू बाजारों में सोने की मांग भी बढ़ेगी क्योंकि त्योहार का सीजन आने वाला हैं. इस पीली धातु में निवेश के अवसर तलाशने वालों को यह तय करना चाहिए कि उनका सोना खरीदने का उद्देश्य क्या है- आभूषण बनाना या फिर निवेश. विशेषज्ञों के अनुसार पोर्टफोलियो का 5% सोने में निवेश किया जा सकता है और अब अधिक फायदेमंद दांव डिजिटल सोने के रुप में अधिक माना जा रहा है.