इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में बाजी लगाना चाहते हैं तो आ रहा है आपके लिए एक फंड

Navi Navi MF ने पिछले महीने 10 से अधिक नई स्कीम्स के लिए कागजात दाखिल करने के बाद, अब EV फंड सहित 4 और फंड्स के लिए दस्तावेज दाखिल किए हैं.

Sachin Bansal's Navi Mutual Fund plans to launch electric vehicles fund

Flipkart के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने फरवरी 2021 में Navi म्यूचुअल फंड शुरु किया था.

Flipkart के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने फरवरी 2021 में Navi म्यूचुअल फंड शुरु किया था.

Electric Vehicles Fund: दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart के सह-संस्थापक सचिन बंसल म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अधिक पेसिव फंड लॉन्च करने कि तैयारी कर रहे हैं. बंसल समर्थित Navi म्यूचुअल फंड (Navi MF) ने पिछले महीने सेबी के साथ 10 से अधिक नई स्कीम्स के लिए कागजात दाखिल करने के बाद, अब एक इलेक्ट्रिक वाहन फंड सहित चार और फंडों के लिए मसौदा दस्तावेज दाखिल किए हैं. ज्यादातर दस्तावेज पैसिवली मैनेज्ड फंड्स के लिए फाइल किए गए हैं क्योंकि फंड हाउस इस कैटेगरी में जगह बनाना चाहता है. पैसिव फंड की ओर झुकाव का कारण यह हो सकता है कि वे समझने में आसान और लागत प्रभावी है.

बाजार नियामक सेबी के पास उपलब्ध शुक्रवार की ताजा इंफॉर्मेशन के मुताबिक, फंड हाउस ने सेबी के पास एक इलेक्ट्रिक व्हीकल फंड – Navi इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एंड ड्राइविंग टेक्नोलॉजी फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्च करने के लिए कागजात दाखिल किए हैं.

Flipkart के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने फरवरी 2021 में एस्सेल ग्रुप से एस्सेल म्यूचुअल फंड का अधिग्रहण किया था और इसका नाम बदलकर Navi म्यूचुअल फंड कर दिया था.

ड्राफ्ट दस्तावेजों के मुताबिक, “योजना का निवेश उद्देश्य विदेशी ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और/या इंडेक्स फंड जो इलेक्ट्रिक वाहनों और ड्राइविंग तकनीक में निवेश करते हैं) के यूनिट्स में निवेश करके लंबी अवधि के लिए पूंजी को बढ़ाने का है.”

फंड ऑफ फंड्स का बेंचमार्क STOXX ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एंड ड्राइविंग टेक्नोलॉजी NET इंडेक्स रहेगा. फंड हाउस ने Navi निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड और दो अंतरराष्ट्रीय फंड्स – Navi S&P 500 FoF और Navi टोटल चाइना इंडेक्स FoF के लिए दस्तावेज दाखिल किए हैं.

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि पैसिव फंडों ने पिछले कुछ वर्षों में एक्टिवली-मैनेज्ड फंड्स से बेहतर प्रदर्शन किया है और यही वजह है कि निवेशकों के बीच ऐसे फंड्स का रुझान बढ़ रहा है. पैसिव फंड अपने कम एक्सपेंस रेशियो के कारण भी भारत में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं.

एक सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड में फंड मैनेजर की निर्णय लेने में अधिक भागीदारी होती है और यह देखने में अधिक सक्रिय होता है कि उसके पोर्टफोलियो में कौन से स्टॉक खरीदने या बेचने हैं, जिस कारण ऐसे फंड का एक्सपेंस रेशियो अधिक रहता हैं.

इसके विपरीत, एक निष्क्रिय फंड को किसी एक इंडेक्स के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है और एक ही स्टॉक में एक ही वेटेज में निवेश करना होता हैं, इसलिए इसमें फंड मैनेजर की विशेष भूमिका नहीं रहती हैं और प्रक्रिया ज्यादातर स्वचालित होती है.

Published - September 17, 2021, 09:23 IST