REIT: रियल एस्टेट सेगमेंट में मिलेगी आसान और किफायती एंट्री

REIT:IPO स्टेज में न्यूनतम निवेश राशि 50,000 रुपये है. लिस्ट होने के बाद, एक बार में लगभग 2 लाख रुपये का निवेश आपका पर्पज सॉल्व करेगा.

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REIT: रियल एस्टेट गोल्ड की तरह भारतीयों के लिए निवेश के सबसे पसंदीदा तरीकों में से एक है. हालांकि, इसका टिकट साइज इसे कई लोगों के लिए एक्सेसेबल नहीं बनाता. खुद के लिए प्रॉपर्टी खरीदना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, इसे निवेश के लिहाज से तो छोड़ ही दीजिए. क्या होगा यदि आपको रियल एस्टेट में कुछ छोटे साइज का एक्सपोजर मिल सके?
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) आपको रियल एस्टेट सेगमेंट में एक आसान और किफायती एंट्री देता है. IPO स्टेज में न्यूनतम निवेश राशि 50,000 रुपये है. लिस्ट होने के बाद, एक बार में लगभग 2 लाख रुपये का निवेश आपका पर्पज सॉल्व करेगा.

REIT स्टॉक को लॉट साइज में खरीदना होगा

SRE वेल्थ के को-फाउंडर और CEO कीर्तन शाह ने कहा “जब एक REIT IPO आता है, तो रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश 50,000 रुपये है. लिस्ट होने के बाद आपको REIT स्टॉक को लॉट साइज में खरीदना होगा.

इसलिए, यदि आप 270 यूनिट खरीदना चाहते हैं, तो लगभग इसका अमाउंट 2 लाख रुपये होगा” दिलचस्प बात यह है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी ने IPO स्टेज में न्यूनतम आवेदन मूल्य को 10,000-15,000 रुपये और ट्रेडिंग लॉट को एक यूनिट तक लाने के लिए REIT नियमों में संशोधन किया है. यह सर्कुलर जून 2021 में आया था.

तब से कोई नया REIT IPO लॉन्च नहीं किया गया है. इस समय एम्बेसी REIT, माइंडस्पेस REIT और ब्रुकफील्ड इंडिया REIT स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड तीन REIT स्टॉक हैं. कोटक महिंद्रा AMC के पास इंटरनेशनल REIT फंड ऑफ फंड है, जिसमें न्यूनतम निवेश राशि 5,000 रुपये है.

REIT न केवल आपको बेहतर लिक्विडिटी देता है, बल्कि टैक्स एफिशिएंट भी है. शाह बताते हैं कि REIT में निवेशक तीन तरह की इनकम कमाते हैं – i) डिविडेंड इनकम, ii) इंटरेस्ट इनकम और iii) कैपिटल गेन

डिविडेंड टैक्स फ्री है

शाह ने बताया “डिविडेंड टैक्स फ्री है. REIT दूसरे डेवलपर को पैसा उधार दे सकते हैं और उस पर इंटरेस्ट कमा सकते हैं. इस इनकम पर स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगता है, लेकिन यह बहुत कम होता है.

स्टॉक एक्सचेंज पर कैपिटल गेन पर नॉर्मल शेयर रेट की तरह टैक्स लगाया जाता है, हालांकि, लंबी अवधि के लिए सीमा तीन साल है”

अगर आप तीन साल से पहले REIT बेचते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15% लगता है, जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10% टैक्स लगता है अगर आप तीन साल के बाद REIT यूनिट बेचते हैं.

REIT के जरिए रेगुलर इनकम

REIT को रेंटल इनकम का कम से कम 90% यूनिट होल्डर्स को डिविडेंड के रूप में डिस्ट्रिब्यूट करना जरूरी है. यह रिटेल निवेशकों को एक स्टेबल रेंटल इनकम जनरेट करने का अवसर देता है.

शाह ने कहा “किरायेदारों का रेंट हर तीन-पांच साल में बढ़ जाता है. किरायेदारों से REIT को मिलने वाली रेंटल इनकम बहुत रेगुलर रही है और बढ़ रही है.

जबकि भारत अभी भी एक बेसिक मार्केट है, मेच्योर मार्केट के ग्लोबल डेटा से पता चलता है कि रेंटल इनकम काफी स्टेबल रही है. मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि REIT ट्रेडिशनल रियल एस्टेट की जगह नहीं ले सकता”

हालांकि, REIT से रेगुलर इनकम की तलाश करने वाले निवेशकों को MF का रास्ता नहीं चुनना चाहिए क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेशकों को 90% रेंट डिस्ट्रीब्यूट करने का कंपलशन नहीं है.

शाह ने कहा “फंड विभिन्न REIT से रेंट रिसीव करेगा जिसमें उसने निवेश किया है, लेकिन इसे निवेशकों को डिस्ट्रीब्यूट नहीं कर सकता है. इसके बजाय यह NAV बढ़ाने के लिए इसे जमा कर सकता है”

Published - July 30, 2021, 12:44 IST